ताजमहल शाहजहाँ द्वारा बनाया गया मकबरा है अथवा प्राचीन हिन्दू मंदिर मुझे नहीं पता. शंकराचार्य के पूर्व भी कई लोग ताजमहल के मंदिर होने का दावा करते रहें है. मै सिर्फ इतना चाहता हूँ कि सत्य सामने आये.
Archaeological Survey of India (ASI) लगभग 285 वर्ष पुरानी संस्था है, इसका गठन अंग्रेजों ने 1731 में किया. पहले इसका नाम Indian Archaeological Survey था. इसमें Alexander Cunningham जैसे सैन्य अधिकारियों को इसका डायरेक्टर जनरल बनाया जाता था जिनकी इतिहास या पुरातत्व की कोई समझ नहीं होती थी.
तब ASI का मुख्य कार्य महलों मंदिरों-किलों की खुदाई कर बहुमूल्य खजाने को लन्दन पहुचाना था. Alexander Cunningham जैसे सैन्य अधिकारियों ने भारतीय इतिहास को तोड़ कर लिखा, आज उसी को प्रामाणिक माना जाता है.
Cunningham ने कब्र इंतजामिया को ताजमहल से बाहर किया और सात मंजिला ताजमहल के मुख्य मकबरे को छोड़ कर शेष 500 कमरों में ताले लगवा दिए, जो आज भी लगे हुए हैं. (देखे कनिघम की डायरी 1870).


जब 1905 में अंग्रेजो ने फूट डालो – राज करो नीति के अंतर्गत बंगाल का सांप्रदायिक आधार पर विभाजन किया और वहां हिन्दू-मुस्लिम दंगे होने लगे, तब सर जॉन मार्शल ने वायसराय को पत्र लिखा – बंगाल की तरह अवध का विभाजन करने की जरूरत नहीं केवल ताजमहल के बंद कमरों को खोलने की जरूरत है और अवध में भी बंगाल जैसे हालत हो जायेंगे. (see- Awadh in revolt by R Mukherjee)
वायसराय लार्ड कर्जन ने 1902 में सर जॉन मार्शल को ASI का डायरेक्टर जनरल बनाया, दोनों ही घोर साम्राज्यवादी थे. भारत की सभी ऐतिहासिक इमारतों को ASI के अधीन कर दिया गया (जो कि आज भी है). दुनिया के अन्य देशों में Archaeological Survey का कार्य सर्वे तथा खुदाई करना है न कि इतिहास की व्याख्या करना और टूरिज्म चलाना.
1947 में एक अंग्रेज इतिहासकार स्टीफन नैप भारत आया, बाद में वह हिन्दू हो गया. एक इतिहासकार के रूप में उसने ताजमहल का निरीक्षण किया, उसका कहना था कि ताजमहल के बंद कमरों में हिन्दू मूर्तियां है जो कि शाहजहाँ के समय से इन कमरों में भरी हैं.
स्टीफन नैप ने ताजमहल की दुर्लभ तस्वीरें ली थी जो आज नेट पर उपलब्ध हैं.जिन्हें इस लिंक पर देखा जा सकता है – http://stephen-knapp.com/was_the_taj_mahal_a_vedic_temple.htm

एक RTI के उत्तर में ASI ने जानकारी दी की ताजमहल में लगभग 500 कमरे बंद हैं, इन्हें कब खोला गया था इसका पता नहीं, इन कमरों में क्या है इसका पता नहीं.
2004 में एक संस्थान द्वारा इलाहबाद हाई कोर्ट में भारत सरकार के टूरिज्म सचिव तथा डायरेक्टर जनरल ASI के विरूद्ध Civil Misc. Writ Petition No. 3618 of 2004 Under Article 226 of constitution of India पिटीशन लगाई गयी.
इसमें कहा गया कि ASI को निर्देश दिया जाए कि वह बंद कमरे खोले. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि ऐसा करना लोक हित में ठीक नहीं होगा. मामला अभी कोर्ट में है.
2010 में बीबीसी की टीम ने ताजमहल पर एक डॉक्यूमेंट्री बनायी और ताजमहल के मंदिर होने को ही प्रमाणिक माना. इसे बीबीसी ने कई बार टीवी पर दिखाया. जिसका लिंक है – http://www.bbc.co.uk/dna/place-london/plain/A5220
जो भी हो सरकार ताजमहल के सभी बंद कमरों का ताला खोल दे असलियत सामने आ जाएगी.
तेजोमहालय-8 : बुरहानपुर में मुमताज़ की कब्र खुदी ही नहीं, तो दफनाया किसे ताजमहल में?
sahi likha hai
suoperb article with facts
Satya same aana chahiye,for chahe mandir ho ya majar
Nice information but no solution till date. How irresponsible govt; judiciary; and peoples
Nice information but no solution till date how irresponsible govts; judiciary and peoples