ये नजारा भारत के किसी खेत का नहीं है। यहाँ अब माताएं व पिता श्री इतणे आधुनिक हो चुके हैं कि बच्चों के मिट्टी को हाथ लगाते ही उनके बच्चे अस्वच्छ हो जाते हैं। यह नजारा तो Abbey Home Farm इंग्लैंड का है यहाँ ये नन्हें मुन्ने प्राकृतिक जीवन जीना व प्राकृतिक खेती करना सीख रहे हैं ताकि आने वाले कल में प्राकृतिक जीवन व प्राकृतिक खेती करने में नंबर 1 रहें।
भारत के हृदय हरियाणा की तो क्या बात की जाए, आज वह बड़े भाई पंजाब को पछाड़ कर भारत की कैंसर कैपिटल बन बैठा। भारत के कुल कैंसर रोगियों में से 39% हरियाणा से ही हैं।
भारत सरकार की भी क्या बात करुँ, आयुर्वेद में बछडे वाली गाय का दूध अनेक बीमारियों में रामबाण दवा बताया गया है पर अब सरकार ही बछिया पैदा करनेवाले टीके गऊओं को लगवा रही है। नया कानून बन चुका है कि अगर आपका नंदी सरकार द्वारा रजिस्टर्ड नहीं है तो आपको एक साल की कैद तथा साथ में एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
अगले बीस साल में आपको कोई बैल, कोई नंदी दिखाई ही नहीं देगा। जितने पैदा होंगे सभी वीर्य दोहन करने वाली फैक्ट्रियों में होंगे। भारत का तो इसा जुगाड़ बांध दिया सै की आने वाले समय में अब बैल से खेती हो ही नहीं पाएगी।
अब ना रहेगा बैल।
अब खूब बिकेगा तैल।
हर कोई होगा यहाँ बीमार।
बोलो दवा कंपनियों, वीर्य कंपनियों की जै जैकार …..
कहाँ है हिन्दू धर्म? कहाँ है आयुर्वेद के चाहने वाले? कहाँ हैं गोरक्षा करने वाले? कहाँ हैं नंदी को पूजने वाले? कहाँ हैं भगवा वाले? कहाँ है किसानों की आय दूगनी करने का सपना दिखाने वाली सरकार?
मैं एकबार मिलना चाहता हूँ..
अणपढ़ जाट रोहतकी
डॉ. शिव दर्शन मलिक