गोरखधंधा खबरों का

पिछले 2-3 दिनों से रिपब्लिक न्यूज़ चैनल पर अरनब गोस्वामी कभी गर्दन झटक के अपनी ज़ुल्फें संवारते हुए, कभी दोनों हाथ पैंट की जेब में घुसेड़ते हुए और कभी टाई की नॉट बार-बार हिलाते हुए बता रहे थे कि हमारे पास पुख्ता खबर है कि अमित शाह वित्तमंत्री बनने जा रहे हैं। इसी के साथ वे यह भी बताते समझाते थे कि अमित शाह को वित्तीय मामलों की कितनी गहन जानकारी है।

हालांकि अरनब ने इतनी ईमानदारी अवश्य दिखाई कि कल अमित शाह को गृह मंत्रालय मिलने के बाद खुलकर यह स्वीकार किया कि हमारी खबरें गलत निकली, हम पिछले 2-3 दिनों से अमित शाह को वित्त मंत्रालय मिलने का अनुमान लगा रहे थे।

अरनब के अलावा शेष किसी न्यूज़ चैनल ने यह ईमानदारी नहीं दिखाई। टाइम्स नाऊ वाली नाविका कुमार और इंडिया टीवी के रजत शर्मा भी 2-3 दिनों से बहुत रहस्यमयी मुस्कान के साथ अमित शाह के वित्तमंत्री बनने की घोषणा इस तरह कर रहे थे, मानो स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही उन्हें बुलाकर यह जानकारी दी है।

अमित शाह की वित्तीय विशेषज्ञता के भजन यह दोनों चैनल भी झूम झूमकर इस तरह गा रहे थे मानो कौटिल्य के अर्थशास्त्र का अनुवाद अमित शाह ने ही किया था।

लेकिन कल अमित शाह को गृह मंत्रालय का कार्यभार मिलते ही इन दोनों न्यूज़ चैनलों ने गिरगिट को मात देते हुए दर्शकों को यह बताना समझाना शुरू कर दिया था कि हमने तो 2-3 दिन पहले ही अमित शाह को गृहमंत्री बनाए जाने की संभावनाएं जता दी थीं।

वित्तमंत्री/ गृहमंत्री बनने वाले नामों को लेकर लग रही अटकलों को लेकर शेष सभी न्यूज़ चैनलों की स्थिति भी बिल्कुल यही थी। लेकिन उपरोक्त तीन न्यूज़ चैनलों का ज़िक्र इसलिए किया क्योंकि मोदी विरोधी खेमा उन्हें गोदी मीडिया कहता है तथा मोदी समर्थक खेमा उनको सरकार की हर खबर की गहन जानकारी रखने वाला मानता है।

जबकि कल गृहमंत्री और वित्तमंत्री पद पर की गई नियुक्तियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनः साफ कर दिया कि उनके फैसलों की जानकारी उसी समय सबको एकसाथ मिलती है जब वो स्वयं उसे उजागर करते हैं। सरकार के फैसलों की जानकारी देश के आम नागरिक से पहले जानने का विशेषाधिकार किसी के पास नहीं है, फिर चाहे वो तथाकथित गोदी मीडिया हो या फिर मोदी विरोधी मीडिया हो।

ज्ञात रहे कि किसी भी सरकार में वित्तमंत्री का पद संभालने के लिए जटिल वित्तीय विषयों के साथ ही साथ वैश्विक आर्थिक गतिविधियों परिस्थितियों पर गहरी नज़र, उनकी जानकारी, उन पर गहरी पकड़ होना अत्यावश्यक होता है। अमित शाह इस कसौटी पर खरे नहीं उतरते थे। अतः यह तो पहले दिन से ही तय था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें वित्त मंत्रालय नहीं सौंपेंगे।

लेकिन न्यूज़ चैनलों ने 2-3 दिनों तक गज़ब हुड़दंग कर के यह सिद्ध कर दिया था कि अमित शाह ही देश के अगले वित्तमंत्री बनने वाले हैं क्योंकि वो एडम स्मिथ और माल्थस के आधुनिक अवतार हैं।

इस खबर पर न्यूज़ चैनलों को कठपुतली की तरह नचाता रहा स्रोत क्या था. क्यों था, इसका ज़िक्र किन्हीं कारणों से आज नहीं, फिर कभी।

बस इतना याद दिला दूं कि कल मैंने यही लिखा था कि… वित्त और गृह मंत्रालय किस के पास होगा इसे लेकर न्यूज़ चैनलों पर कल से अटकलों के हवाई जहाज़ उसी तरह उड़ाए जा रहे हैं जिस तरह हम लोग बचपन में कागज़ के हवाई जहाज़ उड़ाते थे।

इन दो मंत्रालयों के अलावा नितिन गडकरी के पास किस विभाग की कमान होगी? मानव संसाधन विकास मंत्रालय और रेल मंत्रालय कौन संभालेगा? यह 2 महत्वपूर्ण सवाल हैं। घोषणा में हो रहा विलम्ब यह संकेत दे रहा है कि उपरोक्त सवालों के जवाब शायद देश को चौंकाएंगे।

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