मांगने पर शीघ्र ही मिल गया यह वीडियो। काँग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव की सभा में उन्हें जिताने की अपील करते हुए यह जनाब भाजपा को हराने की अपील नहीं कर रहे हैं बल्कि “इस देश में इन काफ़िरों के तख़्ता पलट करने के लिए अरुण यादव जी को वोट दें” की पुरजोर आवाज लगाता है।
सोचने की बात है कि खुद काफिर हो कर भी अरुण यादव को इसमें कुछ आपत्ति योग्य नहीं लगता।
शायद खंडवा में खड़े हैं अरुण यादव। वही खंडवा जहां दो साल पहले टीपू सुल्तान के चित्र के साथ गज़वा ए हिन्द के पोस्टर लगे थे।
मज़े की बात है कि अदना से अदना भाजपा या राष्ट्रवादी नेता का ज़रा सा भी कठोर शब्द राष्ट्रीय निंदा का विषय बन जाता है, राष्ट्रवादियों या हिन्दुत्ववादियों को हफ्तों तक ऐसे वीडियो दिखाकर ट्रोल किया जाता है वहाँ इस वीडियो पर कोई भाईजान कुछ कहते नज़र नहीं आते।
एक अनाम विश्लेषक ‘प्रश्न वाचक’ के लेख से यह भाग बहुत ही महत्व के हैं –
मौजूदा लोकसभा चुनावों की एक रोचक उपकथा यह है कि मुसलमान इन चुनावों में क्या कर रहे हैं? वे किस भूमिका में हैं, क्या बातें कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं, किसे पसंद कर रहे हैं, किसके पीछे लामबंद हैं?
निजी रूप से मेरे लिए यह प्रश्न बाद में है कि इन चुनावों में किसकी जीत होगी, किसकी हार, किंतु इस्लाम के कार्य-व्यवहार पर लम्बे समय से पैनी नज़र बनाए रखने के कारण मैं इस बात में अवश्य रुचि रखता हूं कि मुसलमान मतदाता, चिंतक, फ़ेसबुक यूज़र, नागरिक क्या बोल रहा है, क्या सोच रहा है, कहां पर जाकर लॉफ़िंग इमोजी बनाकर आ रहा है, किसके प्रति अपने वोट का निवेश कर रहा है, और क्यों? वैसा करने के पीछे उसकी व्यापक रणनीति क्या है?
यह खेल समझना कठिन नहीं है। इस खेल का केवल एक ही नियम है- हर हाल में इस्लाम के हितों का रक्षण, उसके लिए चाहे जितना छल, स्वांग, असत्यवाचन, पाखंड, ढोंग, रक्तपात, क्रूरता, मानवद्रोह आदि-इत्यादि करना पड़े।
फ़ुटबॉल की दुनिया में कहावत प्रचलित है- अगर आप खेल देखेंगे तो आपको डिफ़ेंसिव मिडफ़ील्डर कहीं दिखाई नहीं देगा। किंतु अगर आप डिफ़ेंसिव मिडफ़ील्डर को देखेंगे तो आपको पूरा खेल दिखाई देगा।
2019 का चुनाव मेरे लिए वैसा ही दृश्य है, जिसमें मैं जानता हूं कि मुझे खेल समझने के लिए किस पर नज़र जमाए रखना होगा।
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We have to prepare a group ofdedicated desh bhakt young chap for every sacrifice for hidutva & bhartiya sanskriti. Pl. do it as warfooting sothat we may helpful to our P. M. Namo.