नवमीं के दिन मेरे मित्र के यहाँ हवन चल रहा था। हवन खत्म हुआ और प्रसाद का भोग लगते ही दरवाज़े पर एक गरीब कन्या आ खड़ी हुई।
कन्या बोली, भूख लगी है। पहनावा ऐसा कि कोई घर के अंदर न आने दे किन्तु नयन नक्श बहुत ही सुंदर एकदम देवी जैसे।
उसे देखते ही मेरे करोड़पति मित्र और उनका पूरा परिवार उस कन्या के चरणों मे ढोक लगाने लगा।
पंडित जी भी दौड़ कर दरवाज़े पर गए और अपना सर उसके चरणों मे रख दिया, बोले माँ तेरा ही इंतज़ार था।
कन्या के पैर धोने की होड़ सी मच गई। बच्ची को उसके मन माफिक भोजन करवाया गया।
सब ऐसे आवभगत में लगे थे जैसे साक्षात भगवान आ गए हों, घर में ac चलते हुए भी मेरे मित्र की पत्नी अपने पल्लू से उन्हें पंखा झल रही थीं।
भोजन के बाद पंडित जी उस बालिका को पास ही की बस्ती में छोड़ कर आये। पता चला वो बच्ची सफाई कर्मचारी की थी, पंडित जी लौट कर बोलते हैं, आज ज़िन्दगी में पहली बार साक्षात देवी के दर्शन हो गए जीवन सफल हो गया।
नवरात्रि में हम हर माँ, बहन, बेटी में साक्षात मातारानी का वास देखते हैं। उन्हें आग्रह पूर्वक अपने घर बुलाते हैं, उन्हें साक्षात देवी मान कर उनकी पूजा करते हैं, उनके पाँव पखारते हैं, उन्हें भोजन करवाते हैं, उन से आशीर्वाद लेते हैं, और अपने आपको किस्मत वाला मानते हैं कि आज देवी के चरण हमारे घर पर पड़े। न तो कन्याओं की हैसियत देखी जाती है ना जात पात।
ऐसे में कल आज़म खान जी का बयान असल मे एक सोची समझी रणनीति के तहत दिया गया बयान है।
उन्होंने एक महिला को नहीं बल्कि नवरात्रि में साक्षात देवी के रूप को गाली दी है, उन्होंने साक्षात देवी का अपमान किया है।
ये जान बूझ कर आपको नीचा दिखाने, आपके देवी देवताओं का उपहास करने के उद्देश्य से दिया गया बयान है। अरबी लुटेरे भी ऐसा ही करते थे।
आपको ये बताने का प्रयास है कि देखो तुम्हारे देवी देवता कितने निम्न हैं, हम तो उनके अंतवस्त्र की भी चर्चा खुले मैदान में लाखों की भीड़ में करेंगे और तुम कुछ न कर पाओगे।
ये आपको हीन भावना से भरने का प्रयास है। आज़म के बयान पर तालियों ने बता दिया कि काफिरों तुम्हारी कोई औकात नहीं।
अफसोस तो इस बात का है कि सत्ता के लालच में कुछ हिन्दू भी वहाँ ताली बजा रहे थे।
आज़म बता रहे थे कि देखो काफिरों, हम तुम्हारे मुँह पर थूकेंगे, तुम्हारी माँ, बहन, बेटियों, तुम्हारी देवियों के अंतवस्त्र का वर्णन करेंगे और तुम पर राज करेंगे।
ये साइकोलॉजिकल वारफेयर है, माइंड गेम है, आपको मानसिक रूप से गुलाम बनाने का प्रयास है। क्या आप ऐसे लोगों को अपने ऊपर राज करने देंगे? क्या आप हज़ारों साल बाद फिर से गुलाम बनेंगे? ये आपको आने वाले चुनाव में तय करना है।
अफसोस कि इसकी प्रतिक्रिया में समाज सोया हुआ है। आज़म खान जी जैसे लोग इस देश के लिए खतरा हैं। आज़म जी का बयान हिन्दू देवी देवताओं का अपमान है।
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