बिहार में ‘गठबंधन’ के चौधरी लालू परिवार में लठबंधन हो गया, लालू ने तो पंडित बन कर मुहूर्त निकाला था कि शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री कांग्रेस में 6 अप्रैल को करवाइये।
और हमारा ‘छेनू’ तो तेजस्वी को बिहार का भविष्य बताता था… लेकिन तेजस्वी का भविष्य तो तेजप्रताप ही बिगाड़े दे रहे हैं।
अब जूतम पैजार से कितनी सीट लालू परिवार के दो लाल जीतेंगे और कितनी घटक जीतेंगे?
‘छेनू’ को तो सहारा अब राहुल गाँधी का ही होगा वो भी तब, जब कांग्रेस उसे टिकट देगी। अभी तो दूसरे दिग्गज कीर्ति आज़ाद का भी फैसला नहीं हुआ जो भाजपा से कूद कर कांग्रेस में भागे थे।
राहुल गाँधी किसी को क्या सहारा देंगे जब वो खुद कम्युनिस्टों से वायनाड से अपना कैंडिडेट हटाने की याचना कर रहे हैं।
राहुल का डर देखिये, अमेठी में स्मृति से डरे हुए हैं, इसलिए सुरक्षित सीट वायनाड तलाश की… लेकिन वहां भी डर है जिसकी वजह से कम्युनिस्टों के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं।
अरे हिम्मत है तो कोई भी सामने हो, फिर क्या चिंता होनी चाहिए।
डर भी इतना है कि कम्युनिस्ट कैंडिडेट के हटने पर 3 से 4 सीट उनके लिए छोड़ने को तैयार है कांग्रेस।
मुझे नहीं पता सत्य क्या है, मगर गूगल सर्च में देखा वायनाड में मुस्लिम 28.65% हैं और ईसाई 21.34% हैं। यानि कुल मिला कर 50% से ज्यादा ही हैं।
ईसाई और मुस्लिम तो मोदी को हराने के लिए अपने अपने तरीके से फतवे दे रहे हैं।
फिर राहुल तो ईसाई हैं और कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है।
इतना होने पर भी अगर जीत पर विश्वास नहीं है तो राहुल गाँधी का कुछ नहीं हो सकता।
एक चुनौती है राहुल गाँधी को… वो वायनाड में अपने को दत्तात्रेय ब्राह्मण के रूप में पेश करें और जनेऊ पहन कर प्रचार करें… 49% हिन्दू हैं वहां पर, तो मंदिर तो होंगे… ज़रा सारे मंदिरों में दर्शन करके मुसलमानों और ईसाइयों से वोट मांग के दिखाएं!
शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में तो रोज़ अपने कप्तान पर बरसते थे, उनमें खोट निकालते थे… अब अपने कांग्रेस के कप्तान से तो पूछ कर देखें कि 130 करोड़ जनता में 25 करोड़ लोगों की गरीबी कैसे दूर करेंगे? 72000 रुपये साल के कैसे देंगे 20% गरीबों को?
अब ‘छेनू’ की ज़ुबान बंद है क्यूंकि खोली तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।
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