चुनावों की घोषणा हो चुकी है और उसके साथ ही पिछले दिनों में जगह जगह से अन्य पार्टियों के वर्तमान व पूर्व विधायकों व सांसदों के भाजपा में सम्मिलित होने के समाचार भी सामने आ रहे हैं।
लेकिन सुनामी आना अभी बाकी है, और अगले महीने भर में महागठबन्धन की वजह से विपक्षी पार्टियों के बेहिसाब पूर्व व वर्तमान विधायक व सांसद भाजपा में शामिल होने के लिए तड़पने लगेंगे।
दरअसल, पाकिस्तान पर हवाई आक्रमण के बाद से ही पूरे देश भर में जनमानस भाजपा के पक्ष में पूरी तरह से झुक चुका है।
सामान्यतः हर चुनाव में वोट डालने वाले लोगों में से 60-70% वोट पहले से तय होते हैं कि वो किस पार्टी को वोट देंगे। जबकि 30-40% की एक बड़ी संख्या सामान्यतः अनिश्चित रहती है कि किसको वोट देंगे। ये लोग विभिन्न छोटी व गैरमामूली वजहों से अन्त तक किसी को भी वोट दे देते हैं। यही फ़्लोटिंग वोट कहलाते हैं।
लेकिन इस बार पाकिस्तान पर मिराज वायुयानों के आक्रमण के बाद से ही इन फ़्लोटिंग वोटरों में से अधिकतर अभी से भाजपा को वोट देने का मन बना चुके हैं।
आज के दिन भाजपा 280+ सीटों पर जीत की गारन्टी के साथ (और NDA 350+ सीट) फिर से केन्द्र में सरकार बना रही है, लेकिन अगले दिनों में यूपी में सपा व बसपा के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सैकड़ों छोटे-बड़े नेता भाजपा का दामन थाम लेंगे।
वोटिंग की तारीख पास आते जाने पर यही हाल अन्य प्रदेशों में भी दिखेगा और खुद भाजपा भी हर्षमिश्रित आश्चर्य में आ सकती है कि इतने अधिक नेता भाजपा में आ रहे हैं।
ऊपर से चुनाव प्रचार के दौरान जब नरेंद्र मोदी की जगह जगह जनसभाएं होंगी और वह अपनी ओजस्वी आवाज़ में विरोधियों की धज्जियां उड़ायेंगे तो जनता एकतरफा भाजपा की तरफ झुकी नज़र आयेगी और भाजपा के पक्ष में इस बार वोटों की सुनामी निश्चित कर देगी।
अन्तिम निर्णय तो भारत की जनता को ही करना है – और इस बार जनमानस भाजपा को 320 से अधिक सीट (अन्तिम निर्णय) व NDA को 380 से अधिक सीट पर जिताने का मन बना चुका है।
भगवान श्रीराम का आशीर्वाद बना रहे, भाजपा इस बार अभूतपूर्व बहुमत से सरकार बनायेगी और प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत अगले 5 वर्षों में विश्व का सबसे ताकतवर राष्ट्र बनकर उभरेगा।