गठबंधन की राजनीति : कागज़ पर तो आसान, पर ज़मीन पर उतारना-निभाना कठिन

उत्तर प्रदेश की राजनीति में खलबली है।

परसों बहन जी ने बयान दिया कि यूपी तो क्या, किसी भी राज्य में काँग्रेस के साथ कोई गठबंधन, तालमेल, या Tactical Alliance भी नहीं होगा।

बहुत दिनों से ऐसी अफवाहें थीं कि कांग्रेस सिर्फ 15 सीटों पर भी मान जाएगी। अखिलेश यादव का बस चलता तो मान भी जाते। बहन जी राजनीति में ज़्यादा परिपक्व हैं।

बहन जी ने मना कर दिया तो कांग्रेस की बहना (प्रियंका वाड्रा) कल अचानक जा पहुंची चंद्रशेखर उर्फ रावण से मिलने…

पहले भी मैं लिख चुका हूँ कि कांग्रेस को चाहिए कि 2019 में उसका लक्ष्य मोदी को हराना नहीं बल्कि सपा-बसपा को मारना होना चाहिए। युद्ध है ये… इसमें आप तभी ज़िंदा रहेंगे अगर अगला मरेगा… काँग्रेस इसी रणनीति पर काम कर रही है।

दलित नेता चंद्रशेखर रावण से मुलाक़ात इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

जैसा कि मैंने बताया था कि कांग्रेस अपनी चुनाव समितियों में चुन चुन के भाई जान लोग को भर रही है।

इसके अलावा ज़मीनी सूचनाएं भी ऐसी ही हैं कि भाई जान भी काँग्रेस की तरफ आकृष्ट हो रहे हैं।

ये ध्यान रखिये कि चलती गाड़ी को खड़ा करने के लिए ज़रूरी नहीं कि टायर फाड़ ही दिया जाए। सुई की नोक के बराबर हुआ छेद भी वही काम करता है… जीतने के लिए 5 लाख वोट चाहिए पर सपा-बसपा को हरवाने के लिए तो सिर्फ 50,000 या 1 लाख वोट ही काफी है।

यूपी में सिर्फ 10 सीट ऐसी हैं जहां भाई जान लोग ध्रुवीकृत हो कर भाजपा को हरवा सकते हैं। बस इन्हीं सीटों पर काँग्रेस मजबूत प्रत्याशी दे कर सिर्फ एक लाख वोट काट ले तो सपा-बसपा की मय्यत तैयार हो जाएगी। सपा का कोई भी बागी मुसलमान प्रत्याशी ये काम आसानी से कर देगा।

गठबंधन की राजनीति कागज़ पर तो बहुत आसान दिखती है पर उसे ज़मीन पर उतारना और निभाना बेहद मुश्किल है। कल जब प्रियंका ने रावण से भेंट की तो बहन जी ने अखिलेश को तलब किया… धमकी दी कि मैं अमेठी रायबरेली से भी प्रत्याशी उतार दूंगी।

उधर ज़मीनी समाचार ये है कि यादव मतदाता का वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हो रहा। जब सभी सीटों से प्रत्याशी घोषित हो जाएंगे तो तस्वीर साफ होगी।

यदि बहन जी को लगा कि उनको सपा का वोट ट्रांसफर नहीं हो रहा और उनकी सीटों पर यादव वोट छिटक के शिवपाल यादव या भाजपा में जा रहा है, तो बहन जी आखिरी क्षणों में सभी 80 सीटों पर भी प्रत्याशी उतार देंगी।

वैसे ये सब बातें बेमानी हैं… पूरे देश मे मोदी की लहर नहीं सुनामी है… सारे गठबंधन बहा के ले जाएगी।

Comments

comments

LEAVE A REPLY