राजनीति में हमेशा जीत के ही जीत नहीं मिलती। हार के भी जीत मिलती है।
2014 के बाद जब मोदी की सुनामी सब कुछ बहाए लिए जा रही थी… मोदी/ भाजपा राज्य दर राज्य जीतते जा रहे थे तो उनका momentum तोड़ने को… उनका विजय रथ रोकने को उनको किसी एक राज्य में हराना बहुत ज़रूरी था।
अब चुनाव में किसी को हराना आसान नहीं होता…
सो काँग्रेस ने सबसे आसान रास्ता निकाला… खुदकुशी का… उसने मोदी को रोकने के लिए दिल्ली में आत्महत्या करने का निर्णय किया।
दिल्ली में चुनाव हुए तो काँग्रेस ने अपना सारा वोट आम आदमी पार्टी (AAP) को ट्रांसफर कर दिया। वो कांग्रेस जिसके पास 22% वोट था दिल्ली में, वो 8% पर आ गयी।
नतीजा ये हुआ कि AAP जो लगभग 26-28% पर थी वो कांग्रेस का वोट पा कर 42% पर आ गयी… 42% पर लहर बन जाती है… लहर अपने साथ Floating वोट भी ले जाती है… लहर + Floating वोट मिल के सुनामी बन जाते हैं…
Floating वोट चुनाव से एक दिन पहले decide करता है कि किधर बहना है… जब AAP में काँग्रेस भोट जुड़ के लहर बनी तो Floating वोट भी बहा ले गयी और सुनामी बन गयी…
नतीजा…
AAP – 67 सीट
भाजपा – 3 सीट
काँग्रेस – 0
कांग्रेस ने स्वयं खुदकुशी कर मोदी को रोक लिया। यही चुनाव अगर ईमानदारी से होता और काँग्रेस कायदे से लड़ती तो नतीजा कुछ यूं होता –
भाजपा – 40 सीट
AAP – 20 सीट
काँग्रेस – 10 सीट
केजरीवाल को ठीक इसी दांव पर पंजाब में 2017 में अकाली – भाजपा ने पटका… अपना वोट काँग्रेस को ट्रांसफर कर AAP को 20 सीट पर रोक दिया, वरना यही AAP पंजाब में लगभग 60 – 65 सीट जीतने जा रही थी।
कहने का मतलब ये कि त्रिकोणीय संघर्ष में खुद हार के भी दुश्मन को हराया जा सकता है…
अब आइये आज के हालात पर…
भाजपा की लहर बन चुकी है… जो floating वोट चुनाव से एक दिन पहले जुड़ता है वो Air Strike पर ही जुड़ गया था… आज स्थिति ये है कि जहां मोदी/ भाजपा रोज़ाना रैली कर रहे हैं और लाखों की भीड़ अपने से चली आ रही है…
तिरुप्पुर – तमिलनाडु जैसे गैर भाजपाई इलाके में भी मोदी की रैली में एक लाख आदमी थे… अब मोदी की इस सुनामी को रोकने के लिए कुछ लोगों को खुदकुशी करनी पड़ेगी…
कश्मीर में महबूबा की PDP या अब्दुल्ला की NC में किसी एक को…
हरियाणा में काँग्रेस या दुष्यंत चौटाला की पार्टी में से किसी एक को…
दिल्ली में केजरीवाल को…
यूपी में अखिलेश यादव खुदकुशी कर चुके पर उससे बात नहीं बनी इसलिए वहां काँग्रेस को खुदकुशी करनी होगी…
उड़ीसा में काँग्रेस को…
बंगाल में भी काँग्रेस और CPM को…
महाराष्ट्र में काँग्रेस-NCP स्वयं खुदकुशी करके अपना वोट शिवसेना को दे दें और उसे कहें कि गठबंधन तोड़ के अलग लड़…
कर्नाटक में JDS खुदकुशी करे तभी बात बनती है।
बाकी राज्यों में चूंकि कांग्रेस भाजपा की सीधी लड़ाई है इसलिए खुदकुशी भी संभव नहीं।
इतने लोग खुदकुशी करके भी मोदी को बहुमत से तो रोक सकते हैं पर सबसे बड़ी पार्टी बनने से नहीं…
सवाल है कि क्या ये सामूहिक आत्महत्या होगी???
असंभव है।
इसलिए मोदी को 2019 में रोकना भी असंभव है।