सर्जिकल स्ट्राइक अपनी सीमा पार कर दुश्मन की सीमा में की गयी सैन्य कार्रवाई होती है, जो पूरी तरह गोपनीय होती है।
इसमें दुश्मन की सेना, उनके बंकर और उनके अन्य एसेसमेण्ट को बरबाद करना होता है।
इसमें अपनी सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाता है।
टारगेट को बरबाद करने के बाद अपने इलाके में सुरक्षित लौट आना मिशन की कामयाबी मानी जाती है।
यह हमला नियंत्रित होता है और किसी क्षेत्र विशेष में किया जाता है।
इसमें जगह का चुनाव, क्या करना है, क्या नहीं करना है और कैसे आपरेशन को अंजाम तक पहुंचाना है का डिसकशन पहले ही किया जा चुका होता है।
आपरेशन करते समय सिविलियन का ख्याल रखना होता है। अस्पताल, स्कूल और अन्य सिविल भवनों को नुकसान न पहुँचे इसका भी ख्याल रखना पड़ता है।
यह एक सटीक सैन्य कार्रवाई होती है, जिसमें कभी कभी हवाई हमला भी करना पड़ता है। हवाई हमले में सटीक बमबारी करनी पड़ती है ताकि टारगेट बरबाद हो जाय, पर आसपास का इलाका प्रभावित न हो।
यदि प्रभावित हो भी तो ज्यादा जान माल का नुकसान न हो। 2003 का बगदाद पर हुआ हमला इसका नायाब उदाहरण है।
भारतीय सेना ने 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर में एक सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें 38 के करीब आतंकवादी मारे गये थे। 7 आतंकवादी शिविर नेस्तनाबूद किए गये थे।
ऐसा अनाधिकृत घुसपैठ को रोकने और आतंकवादी गतिविधियाँ रोकने की गरज से किया गया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में 25 पैरामिलिट्री कमाण्डों शामिल थे।
इस हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की सीमा के काफी अंदर तक जाना था। ऐसे में रास्ते में पड़ने वाले गांव के कुत्तों के भौंकने का डर था। इसका भी तोड़ निकाला गया था। पैरामिलिट्री कमाण्डों अपने साथ तेंदुए का मलमूत्र ले गये थे। रास्ते में पड़ने वाले गांवों के बाहर उसे छिड़कते गये थे, जिनकी गंध पाकर कुत्ते दुबक गये थे। वे गांव से बाहर ही नहीं निकले थे। इसलिए उनका भौंकना नहीं हुआ।
सर्जिकल स्ट्राइक निर्विघ्न पूरी हुई थी।