फिर नया दिन, फिर कांग्रेस का नया झूठ : और फिर एक बार झूठों का मुंह काला

कांग्रेस desperate हो गयी है, इस हद तक कि अब रोजाना नया झूठ पकाते हैं, रोजाना अपने संगी साथियों से झूठ फैलवाते हैं, रोजाना झूठ उजागर हो जाता है। लेकिन इन चंपको की बेशर्मी की दाद देनी होगी, हर रोज़ मुंह की खाते हैं और फिर आ जाते हैं मैदान में नए झूठ के साथ।

आज ही राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस की, उसमें कोई ईमेल का रेफेरेंस दिया गया, कि ये Dassault और अनिल अंबानी के बीच की बातचीत है, और अनिल अंबानी Rafale डील होने से कुछ दिन पहले ही फ्रांस गए थे। और उसके बाद ‘कुछ’ हुआ और मोदी ने Rafale का कॉन्ट्रैक्ट रिलायंस डिफेंस को दे दिया। राहुल ने प्रधानमंत्री को ‘गद्दार’ भी कह दिया।

या राहुल गांधी की भाषा में कहा जाए तो 30,000 करोड़ रुपये का Offset रिलायंस को पूरा दे दिया। और बाकायदा मोदी ने अनिल अंबानी की जेब में खुद 30,000 करोड़ रुपये डाले। जबकि 30,000 करोड़ में से रिलायंस डिफेंस का शेयर 800 करोड़ के आस पास का ही है।

लेकिन जब झूठ का भी नशा होने लगे, तो इन तथ्यों और तर्कों की गुंजाइश नहीं बचती।

चलिये आज के मुद्दे पर आते हैं, बताया जा रहा है कि जो ईमेल है वो Dassault और अनिल अंबानी के बीच की है ।

जबकि सच्चाई कुछ और ही है।

ईमेल बेशक अनिल अंबानी के लिए है, लेकिन बात हो रही है रिलायंस डिफेंस और एयरबस हेलीकाप्टर डिवीज़न के बीच की डील की। रिलायंस डिफेंस और Airbus के बीच एक MOU sign किया हुआ है सिविल और डिफेंस हेलिकॉप्टर्स बनाने का।

ये ईमेल एयरबस के executive Nicolas Chamussy ने 28 मार्च 2015 को लिखी थी। और इसमें ‘हेलीकाप्टर’ बनाने के MOU की बात की गई है, ना कि Rafale की।

वैसे भी Airbus वाले Dassault और Rafale के बारे में क्यों और किस हैसियत से ईमेल करने लगे??

अगर Google कोई एकतरफा डील Microsoft के साथ कर रहा है, तो उसमें Apple वालों का कोई दखल हो सकता है क्या???

दूसरी बात, ईमेल में MOU sign करने की बात हो रही है, 28 मार्च 2015 में, जबकि Rafale का MOU sign हुआ है 25 जनवरी 2016 को.

मतलब दोनों ही बातें झूठ निकलीं।

लेकिन बेशर्मी की हद देखिये, रागा और उसके चमचों को शर्म ही नहीं आती रोजाना नए झूठ फैलाने में।

और सरकार को चाहिए कि इन पर कोई रोक ना लगाई जाए, बोलने दीजिये झूठ, रोजाना इनके झूठ की कलई खुलेगी, और इनकी Credibility हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी, साथ ही मीडिया भी निबट जाएगा।

वैसे भी जो समय सड़क पर प्रचार करने में बिताना चाहिए, वो समय विपक्ष झूठ गढ़ने और उसे सही साबित करने में बिता रहा है, यही तो चाहिए…

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