आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश भर का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि ‘महामिलावट वालों’ का मुख्य काम उनका मजाक उड़ाना है और ऐसा लगता है कि सभी उन्हें ‘गालियां देने के ओलंपिक’ में आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने एक बार फिर विपक्ष को ‘महामिलावट’ बताते हुए आरोप लगाया कि उसके नेता सिर्फ ‘फोटो के लिए दिल्ली और कोलकाता में एक दूसरे के हाथ पकड़ते हैं।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘महामिलावट वालों का काम बस मोदी को गालियां देना है। ऐसा लगता है कि मोदी को गालियां देने का ओलंपिक चल रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि लोगों से झूठ बोलने का मतलब क्या होता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इनसे (महागठबंधन से) कोई पूछे कि किसानों के लिए क्या अजेंडा है… जैसे ही आप पूछोगे तो यह क्या करते हैं, वह मोदी को ढेरों गाली देंगे। अगर आप पूछेंगे कि मज़दूर के लिए क्या करेंगे, तो और बड़ी गाली देंगे। युवाओं के भविष्य के पूछोगे तो उससे बड़ी गाली देंगे। इनके पास हर चीज़ का एक जवाब है कि मोदी को गाली दो।’
पीएम मोदी ने महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा, ‘अवसरवादिता की हद देखिए, आप मुझे बताइए, ये महामिलावट (महागठबंधन) वाले दिल्ली में हाथ पकड़-पकड़कर फोटू निकालते हैं, कलकत्ते में जाकर फोटू निकालते हैं, ये त्रिपुरा में एक-दूसरे का चेहरा देखने के लिए भी तैयार हैं क्या? केरल में हैं क्या? बंगाल में हैं क्या? लेकिन देश को भ्रमित करने के लिए हाथ में हाथ मिलाकर महामिलावट का अभियान चला रहे हैं और करना भी क्या है? जब भी मिलो मोदी को गाली दो। ये अभी भी पुराने झूठ में जी रहे हैं कि इनको कोई पकड़ नहीं पाएगा।’
प्रधानमंत्री ने वाम मोर्चा का नाम लिए बगैर उसपर हमला किया और कहा कि वे जब राज्य में सत्ता में थे तो उन्होंने असंगठित क्षेत्र या किसानों के लिए कुछ करने में कोई रूचि नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा, ‘अब पहली बार त्रिपुरा में भाजपा सरकार के तहत धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके अलावा, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है।’
उन्होंने कहा, ‘जिस त्रिपुरा राज्य को जलसीमा विहीन क्षेत्र के नाम पर विकास से वंचित किया गया था, उसे दक्षिण पूर्व एशिया का अब प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियों, चुनाव के समय जब मैं यहां आया था तो HIRA मॉडल की बात की थी। लोग चुनाव में बोलते हैं फिर भूल जाते हैं, मैं सामने से याद करा रहा हूं। मैंने हीरा की वकालत की। हीरा (HIRA) का मतलब है- हाइवे, आईवे, रेलवे, एयरवे। अगरतला से सबरुम तक नैशनल हाइवे प्रॉजेक्ट हो, रेल लाइन हो, हमसफर एक्सप्रेस हो, अगरतला-देवधर एक्सप्रेस हो… ये सारे प्रॉजेक्ट उसी हीरा (HIRA) मॉडल की झांकी है।’
मोदी ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि राज्य के इतिहास में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर पहली बार त्रिपुरा राज्य में किसानों से धान खरीदा है। मैं हैरान हूं कि दिल्ली में बड़े-बड़े भाषण झाड़ने वाले नेता (माणिक सरकार) जब यहां उनकी पार्टी (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-CPIM) की सरकार थी एमएसपी पर किसानों का धान खरीदने का काम जिन्होंने नहीं किया, देश को ऐसे लोगों को पहचानना पड़ेगा। उनको बेनकाब करना पड़ेगा।’
उन्होंने कहा, ‘सातवें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू कर लाखों कर्मचारियों का ध्यान भी रखा गया है। ये काम जो मजदूरों के नाम पर राजनीति करते हैं, दुनियाभर को मजदूरों के हक का भाषण देते हैं, उन्होंने त्रिपुरा में इतने साल शासन किया लेकिन पे-कमिशन की रिपोर्ट की कभी परवाह नहीं की। इस त्रिपुरा को पहले की सरकार ने अलग-थलग करके रखा था, वह अब सही मायने में देश की मुख्यधारा से जुड़ रहा है।’