प्रधानमंत्री मोदी की 52वीं मन की बात

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने युवा पीढ़ी से मतदाता के रूप में अपना नाम पंजीकृत कराने का आग्रह किया है ताकि वे अपने सपनों के साथ देश के सपनों को जोड़ सकें।

आज आकाशवाणी से 52वीं बार मन की बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह पहली बार है जब 21वीं शताब्‍दी में जन्‍मे युवा जल्‍द होने वाले लोकसभा के चुनाव में भाग लेंगे। उन्‍होंने कहा कि युवाओं के लिए देश की जिम्‍मेदारी अपने कंधों पर लेने का समय आ गया है। श्री मोदी ने कहा कि लोगों को अपने मतदान के महत्‍व को समझना होगा।

प्रधानमंत्री ने देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि चुनाव आयोग भारत जैसे विशाल देश में व्‍यापक पैमाने पर चुनाव कराने के लिए निरंतर और अथक प्रयास करता रहा है।

उन्‍होंने कहा कि आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता कि प्रत्‍येक पंजीकृत मतदाता को अपने मताधिकार का अवसर प्राप्‍त हो सके। श्री मोदी ने सभी राज्‍यों के चुनाव आयोगों, सुरक्षा कर्मियों और उन सभी कर्मचारियों की भी सराहना की जो स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का काम करते हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो को लोगों के साथ जुड़ने का एक प्रभावकारी माध्‍यम बताया। इस संबंध में उन्‍होंने नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस का विशेष रूप से उल्‍लेख किया जो रेडियो के साथ गहराई से जुड़े हुए थे।

श्री मोदी ने कहा कि नेताजी रेडियो के माध्‍यम से देशवासियों को संबोधित किया करते थे। इसके लिए उन्‍होंने 1942 में आजाद हिंद रेडियो की स्‍थापना की थी। इस रेडियो के माध्‍यम से नेताजी आजाद हिंद फौज के सैनिकों के साथ-साथ देशवासियों से भी संवाद किया करते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद हिंद रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रम अत्‍यंत लोकप्रिय थे और स्‍वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा और शक्ति के स्रोत का काम करते थे।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश में जितने भी सफल अंतरिक्ष मिशन हुए थे उतने ही मिशन पिछले चार वर्षों में सफलतापूर्वक पूरे किए गए। उन्‍होंने कहा कि देश ने हाल ही में एक ही अंतरिक्ष यान से 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का एक विश्‍व रिकॉर्ड स्‍थापित किया है। श्री मोदी ने कहा कि भारत शीघ्र ही चन्‍द्रयान द्वितीय मिशन के तहत चन्‍द्रमा पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से बने उपकरणों का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के समय और रेल तथा सड़क सुरक्षा संबंधी मामलों में किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि मछुआरों को नैविक उपकरण वितरित किए जा रहे हैं, जिससे उनके आर्थिक विकास के साथ साथ उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। श्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सब के लिए घर योजना में 23 राज्‍यों के करीब 40 लाख घरों को जिओ-टैग किया गया है। इसके साथ-साथ मनरेगा के तह‍त भी करीब साढ़े तीन करोड़ सम्‍पत्तियों को जिओ-टैग किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के उपग्रह देश की बढ़ती शक्ति के प्रतीक हैं।

खेलो इंडिया कार्यक्रम की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अनेक युवा खिलाडि़यों ने पहली बार स्‍कूली खिलाडियों की इस प्रकार की राष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रतियोगिता में भाग लिया और शानदार प्रदर्शन किया।

जनवरी में पुणे में आयोजित खेलो इंडिया युवा खेलो में करीब छह हजार खिलाडि़यों ने 18 खेलों में भाग लिया। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे युवा खिलाड़ी तभी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे जब उनको स्‍थानीय तौर पर खेलों के लिए उत्‍तम माहौल मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि पदक विजेताओं के जीवन से अनेक लोगों को ऊपर उठने की प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने मुक्‍केबाज आकाश गोरखा, कब्‍बडी खिलाड़ी सोनाली हेलवी और खेलो इंडिया गेम्‍स में सबसे कम उम्र के स्‍वर्ण पदक विजेता अभिनव शाह और भारोत्‍तोलक अक्षय बासवानी का विशेष रूप से उल्‍लेख किया।

स्‍वच्‍छ सुंदर शौचालय नाम के स्‍वच्‍छ शौचालयों की एक अनूठी प्रतियोगिता का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोग अपने शौचालयों की सफाई पर ध्‍यान दे रहे हैं और उसके चित्र हैशटैग माईइज्‍ज्‍तघर पर अपलोड कर रहे हैं। उन्‍होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि आज भारत खुले में शौच से मुक्ति पाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है ताकि 2 अक्‍टूबर 2019 को महात्‍मा गांधी की 150वीं जायंती के अवसर पर उन्‍हें सच्‍चे अर्थों में श्रद्धांजलि दी जा सके।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्‍नता जताई कि अब तक 600 जिले और साढ़े 5 लाख से अधिक गांव खुले में शौच मुक्‍त घोषित किए जा चुके हैं। इसके अलावा करीब नौ करोड़ परिवारों को शौचालय मुहैया कराये गये हैं, जिससे ग्रामीण भारत में स्‍वच्‍छता का प्रतिशत 98 से भी अधिक हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे मंगलवार को ही परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत देश भर के छात्रों से संवाद करेंगे। उन्‍होंने कहा कि वे तनाव मुक्‍त परीक्षा सहित उसके विभिन्‍न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। श्री मोदी ने इस कार्यक्रम के लिए लोगों से अपने सुझाव और विचार भेजने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने हाल ही में दिवंगत हुए कर्नाटक के सिद्धगंगा मठ के प्रमुख श्री श्री श्री शिव कुमार स्‍वामीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक कल्‍याण के लिए अथक प्रयास करने के लिए उन्‍होंने स्‍वामीजी की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा कि स्‍वामीजी जीवन भर लोगों को भोजन, आश्रय, शिक्षा और आध्‍यात्मिक ज्ञान देने के लिए काम करते रहे। उन्‍होंने कहा कि किसानों का कल्‍याण स्‍वामीजी के जीवन की सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। श्री मोदी ने कहा कि पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम 2007 में श्री श्री श्री शिव कुमार स्‍वामीजी के शताब्‍दी समारोह के अवसर पर टुमकुर गए थे और स्‍वामीजी को समर्पित एक कविता सुनाई थी।

प्रधानमंत्री ने संत रविदास का विशेष रूप से स्‍मरण किया, जिनकी जयंती 19 फरवरी को मनाई जायेगी। श्री मोदी ने संत रविदास के एक प्रसिद्ध दोहे का उल्‍लेख करते हुए कहा कि वे इस बात पर विश्‍वास करते थे कि भगवान तो हर इंसान में होते हैं और उन्‍हें जाति, पंथ और अन्‍य सामाजिक आधारों पर बांटना उचित नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल किले के परिसर में क्रांति मंदिर नामक एक संग्रहालय खोला गया है, जो नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस और उनकी आजाद हिंद फौज, जलियांवाला बाग तथा 1857 के प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता है। उन्‍होंने कहा कि इस क्रांति मन्दिर में गुरूदेव रबीन्‍द्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल, राजा रवि वर्मा, अवनीन्‍द्रनाथ टैगोर, नंदलाल बोस, जामिनी रॉय, सैलोज़ मुखर्जी जैसे महान कलाकारों की पेंटिंग्‍ज भी प्रदर्शित की गई हैं। श्री मोदी ने लोगों से क्रांति मन्दिर का दर्शन करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्‍हें गुरूदेव रबीन्‍द्रनाथ टैगोर की महान कलाकृतियों को देखने वहां जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इन कलाकृतियों की विशेषता यह है कि गुरूदेव ने उनका कोई शीर्षक नहीं दिया है क्‍योंकि गुरूदेव चाहते थे उनकी पेंटिंग को देखने वाला स्‍वयं उसे समझे और उसमें दिए गए संदेश को अपने नजरिए से समझे।

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