यह भारत उदय का समय है!

कितनी विचित्र बात है कि विश्व इतिहास के क्रूरतम वामपंथी नायकों की तस्वीरें घर में टांगकर आप श्रेष्ठ कवि, साहित्यकार का दर्जा पा सकते हैं परंतु मोदी का प्रशंसक होकर नहीं पा सकते। बल्कि आपकी भ्रूण हत्या हो जाएगी।

साहित्य और बौद्धिक विमर्श के सभी केन्द्रों पर आधिपत्य जमाकर बैठने वाले इन आत्मनिर्वासित और देशद्रोही हिन्दुओं ने दशकों तक दादागिरी की है। ये चारित्रिक रूप से पतित, परले दर्जे के अय्याश, मौकापरस्त और नकलची हैं।

अब इनकी विदाई का समय है। और यह शुभकार्य भी मोदीयुग में ही होना है। बड़ी बात यह कि ये स्वयं तिथिबाह्य होंगे। इन्हें सामूहिक जागरण से जाना होगा।

मौजूदा कालखंड आधुनिक और मध्यकालीन भारत से अबतक का सबसे महत्त्वपूर्ण समय है। भारत की स्वतंत्रता तो इस महान समय के सामने बौनी है क्योंकि तब तो नेहरू के चेलों ने इस देश को निरंतर नीचे ले जाने का नीचकर्म किया। पिछले सत्तर वर्षों में इस देश का मेरुदंड झुका दिया गया। उस सत्ता हस्तांतरण ने देश को हताश किया।

इतना पतनशील, मोहांध, भ्रष्ट और टूटा हुआ भारत तो कभी रहा ही नहीं। पर हमें हर्ष होता है कि हम हर विकट समय को पराजित कर उठते रहे हैं। हिन्दू सबसे प्राणवंत जाति है। उसका एक बड़ा वर्ग भटक सकता है, मोह से घिर सकता है मगर अफ्रीकियों की तरह अपनी स्मृति से उखड़ नहीं सकता। उसे लड़ना और उठना आता है।

वह निरंतर व्याकुल, प्रश्नधर्मा संस्कृति है। उसमें नायकों का जन्म अपरिहार्य है। इतिहास के दुर्धर्षतम युग में भी वह उठ खड़ा हुआ है। आज एक बार फिर उठ रहा है। नरेन्द्र मोदी का अभ्युदय भारतीय इतिहास की एक महान घटना है। बल्कि मोदी के उदय के बाद सनातन संस्कृति का सूर्य पाताल से पुनः उठ रहा है।

आज जो लोग मुझ जैसे लोगों पर हंसते हैं उन्हें आनेवाले वर्षों में मुंह छिपाने को जगह नहीं मिलेगी। यह विरोध, पुरस्कार वापसी, जेएनयू ब्रांड का हंगामा सबकुछ अंतिम हथियार हैं। वे प्राणपण से लगे हैं। किसी तरह से इस सत्ता को उखाड़ फेंकना चाहते हैं परंतु अब जिस धूमकेतु से उसकी भिड़ंत है वह असाधारण है। उसे ध्यान से देखने की कोशिश करो। उसके उदय में जो संकेत है उसे तुम झुठला नहीं सकते। वही भारत का भ्रम हरने वाला है।

जागो जागो आया प्रभात
बीती वह बीती अन्ध-रात
झरता भर ज्योतिर्मय प्रपात पूर्वांचल
बांधो बांधो किरणें चेतन
तेजस्वी हे तमजिज्जीवन
आतीं भारत की ज्योतिर्धन महिमाबल…

  • निराला

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