प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत ने गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है जिसे विश्व की प्रमुख संस्थाओं ने स्वीकार भी किया है। आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा कि लोगों के सामूहिक प्रयासों से कारोबार की आसानी की पायदान पर देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी भारत के प्रयासों का भी विश्व ने संज्ञान लिया है।
श्री मोदी ने कहा कि देश के रक्षा तंत्र में और भी मजबूती आई है। श्री मोदी ने कहा कि इसी वर्ष भारत जल, थल और नभ- तीनों क्षेत्रों में परमाणु शक्ति संपन्न हो गया है और इस प्रकार परमाणु त्रिमूर्ति को सफलतापूर्वक साकार किया है।
श्री नरेन्द्रमोदी ने कहा कि वर्ष 2018 में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की शुरूआत हुई और देश के सभी गांवों और घरों में बिजली पहुंची। उन्होंने कहा कि देशवासियों के अडिग संकल्प के कारण स्वच्छता कवरेज 95 प्रतिशत को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
भारत की महान प्राकृतिक परंपरा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष 15 जनवरी से प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला आत्मचिंतन का एक बड़ा माध्यम है जहां आने वाले हर व्यक्ति को अनूठी अनुभूति होती है और वह सांसारिक वस्तुओं को आध्यात्मिक नज़रिए से देखने लगता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के वैश्विक महत्व का अंदाजा इसी से लग जाता है कि पिछले वर्ष यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में डेढ़ सौ से अधिक देशों के लोगों के आने की संभावना है। कुंभ की दिव्यता से भारत पूरी दुनिया में की भव्यता के रंग बिखेरेगा।
समाज में खेल-कूद के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि अगर व्यक्ति के सुदृढ़ संकल्प और बुलंद हौंसलों से रूकावटें खुद ही समाप्त हो जाती हैं और कठिनाइयां कभी रूकावट नहीं बन सकतीं। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कोरिया में कराटे चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले जम्मू कश्मीर के अनन्तनाग की 12 वर्षीय बालिका हनाया निसार का उदाहरण दिया। उन्होंने जूनियर महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता रजनी और साइकिल से विश्व का सबसे तेजी से चक्कर लगाने वाली महिला वेदांगी कुलकर्णी का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन के बारे में भारी उत्सुकता है। इस वर्ष देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई मनाएगा। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक अटूट संबंध रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के सिलसिले में देशभर में जो अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उनमें भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण-एफ एस एस ए आई द्वारा आयोजित ईट राइट इंडिया कार्यक्रम प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ये प्राधिकरण स्वस्थ और सुरक्षित भोजन की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और स्वस्थ भारत से ही समृद्ध भारत का निर्माण होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाने के महत्व की शिक्षा बचपन से ही दी जानी आवश्यक है।
श्री मोदी ने सस्ते और किफायती इलाज़ के लिए चैन्नई के प्रसिद्ध डॉक्टर जयचन्द्रन का उल्लेख किया। उन्होंने कर्नाटक की सुनागिट्टी नरसम्मा का भी जिक्र किया जो गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सहायिका का काम करती थीं। श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में बिजनौर के डॉक्टरों की प्रशंसा की जो गरीबों और वंचितों के लिए निशुल्क शिविर लगाते रहते हैं। इन शिविरों में सैंकड़ों गरीब मरीजों का इलाज किया जाता है।
देशवासियों को लोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रांति, उत्तरायण, माघ बिहू, माघी आदि त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन त्योहारों के नाम भले ही अलग-अलग हैं लेकिन सबको मनाने की भावना एक ही है। उन्होंने कहा कि ये सभी त्योहार फसल, किसान और खेती-बाड़ी से जुड़े हैं और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हैं। श्री मोदी ने गुरू गोबिन्द सिंह का भी श्रद्धापूर्वक उल्लेख किया जिनकी जयंती 13 जनवरी को मनाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह वीरता, शौर्य, साहस, बलिदान, धर्मपरायणता के प्रतीक एक दिव्य पुरूष थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अब अपने श्रोताओं से 2019 में मन की बात की अगली श्रृंखला में मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रेरणा ही प्रगति का आधार होती है, भले ही ये प्रेरणा चाहे किसी व्यक्ति, देश या समाज से मिले। उन्होंने देशवासियों से कहा कि उन्हें नई प्रेरणा, नई उमंग, नई उपलब्धियों और नए संकल्प के साथ स्वयं और देश को भी आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।