टेक्नोलॉजी और विज्ञान के इस दौर में मशीन मनुष्य को रिप्लेस कर रही है।
Driverless Car की टेक्नोलॉजी आ चुकी है और सफल है। अब गाड़ी चलाने के लिए ड्राईवर की ज़रूरत नहीं है। गाड़ी स्वयं खुद को चला लेगी। यानी driver की नौकरी गयी।
सिर्फ कार के ड्राईवर की नहीं, इस धरती पर चलने वाले हर वाहन चालक की नौकरी खतरे में है। फिर वो बस, ट्रक, टेम्पो, थ्री व्हीलर हो या फिर ट्रेक्टर चालक हो, या रेलगाड़ी, मेट्रो चलाने वाला हो या फिर एयरलाइन्स का पायलट। टेक्नोलॉजी बहुत जल्दी सबको बेरोज़गार कर देगी।
सिर्फ इतना ही नही, इंडस्ट्रियल रोबोट्स बनाये जा रहे हैं। अब आपकी इंडस्ट्री में काम करने के लिए लेबर की कमी नहीं पड़ेगी। अब लेबर का काम रोबोट करेगा।
मामला यहीं आ के रुकने वाला नहीं। लोगबाग अब सेक्स रोबोट्स बना रहे हैं। लव डॉल्स बनाई जा रही हैं। अब आपको साहचर्य के लिए, या फिर सेक्स के लिए प्रेमिका, गर्ल फ्रेंड या पत्नी की ज़रूरत नहीं। बाजार में सिर्फ 15000 डॉलर में सेक्स डॉल उपलब्ध है… जो चीज़ आज 15000 में मिल रही है वो कल को 100-50 या 20 डॉलर में किराये पर भी उपलब्ध होगी।
सिलिकॉन से बनी ये रोबोट Artificial Intelligent युक्त होगी, 20 किस्म के भाव और भंगिमाएं दिखाएगी, रूठेगी, मनाने पर मान जाएगी… आपके साथ आपकी रूचि की और आपके बौद्धिक स्तर की बातें करेगी… आपकी मनचाही भाषा में और लहजे में आपसे दिल खोल के बतियाएगी…
ये Tailor made होगी, मने आपको जैसा companion/ partner चाहिए, हूबहू वैसी… पतली-लंबी, छरहरी… गोरे रंग की, तीखे नयन नक्श वाली… ये समय के साथ भैंस जैसी मोटी नहीं होगी, हमेशा 45 किलो की ही रहेगी…
इसको न कभी Bad Breath की समस्या होगी, और न वो कभी Fart करेगी… उसके मायके का रोना भी न होगा आपके जीवन में… वो हमेशा बक बक भी न करेगी। जब चाहेंगे आप उसे या तो Pause कर देंगे या फिर Mute… और हाँ… Volume भी ऊपर नीचे होगा…
बड़ी बिंदी वाला नारीवादी ब्रिगेड कहती है कि अब चूंकि औरत तो तुम्हारी गुलामी करेगी नहीं, सो तुमने अब रोबोटिक Sex Slave बना ली… जो तुम्हारी इच्छानुसार जब जैसे जितना चाहोगे, सेवा में हाज़िर रहेगी…
कुछ दिन पहले मैंने Her नामक एक फ़िल्म का ज़िक्र किया था… उसमें एक अकेले उदास आदमी को एक Artificial Intelligence युक्त Computer Operating System से साहचर्य का सुख मिलता है।
वो अकेला आदमी उस सिस्टम से सिर्फ बातें करता है… उसे सिर्फ बातों से ही साहचर्य का सुख प्राप्त होता है… सवाल ये है कि आधुनिक जीवन शैली में, जब कि परिवार नामक संस्था ही धीरे धीरे टूट रही है, सिमट रही है… अंदर अंदर दरक रही है… तो ऐसे में रोबोट के अलावा अब विकल्प ही क्या है?
पहले जहाँ भरे पूरे परिवार हुआ करते थे, दादा दादी, माँ बाप, चाचा ताऊ, ढेर सारी चाची ताई, बड़की अम्मा, छोटकी अम्मा, बाबू, बड़का बाबू, और फिर ढेरों भाई बहन होते थे, माँ समान भौजाई होती थीं…
पहले वो संयुक्त परिवार छूटा, अब परिवार मने ‘हम दो हमारे दो’ से शुरू हुआ तो हमारा एक हुआ, फिर वो भी नहीं… DINK family मने Double Income No Kids ओनली सेक्स… यहां से होता हुआ मनुष्य अब धीरे धीरे No Wife No Gf Only Robot… कुछ दिन बाद तो Robot भी किराये का होगा… ऐसा जिसे आप हर महीने या हर हफ्ते बदल दें…
सवाल है कि इस आधुनिक शहरी जीवनशैली का अनुकरण करते हम जा कहाँ रहे हैं?
चल तो पड़े हैं, पर रुकेंगे कहाँ जा कर?
संयुक्त परिवार से एकल हुए, एकल में दो बच्चों से एक पर आये, एक से DINK पर, DINK में से भी पत्नी निकाल दी, Live In में आ गए, अब उस Live in में से भी Partner निकाल दिया Robot ले आये। अब रोबोट के बाद क्या?
मज़े की बात ये कि ये सब कुछ पिछले 50-60 साल में ही कर दिया।
संयुक्त परिवार और वो पुरानी जीवन शैली तो हज़ारों सालों तक चले… ये नया lifestyle तो सिर्फ 50 साल में ही दरक गया…
संयुक्त परिवार की ओर वापस लौटिये वरना बहुत जल्दी रोबोट लाना पड़ जाएगा।