आज सभी उन हिन्दुओं को बहुत बहुत बधाई जो 21वीं शताब्दी में बनने वाले नव ईसाई और मुसलमानों के पुरखे हैं।
सभी उन सवर्णों और मध्यमवर्गीय हिंदुओं को भी बहुत बहुत बधाई जिन्होंने नोटा आंदोलन का नेतृत्व किया और अपने साथ इन नव ईसाई और मुसलमानों की उत्पत्ति में योगदान दिया है।
सभी उन मुफ्तखोर हिंदुओं को भी बहुत बहुत बधाई जिन्होंने सरकार की उन योजनाओं का लाभ लिया जो उन्हें पिछले सात दशकों से नहीं मिला था लेकिन जाति, धन और दारू में इस सबको बहा दिया है।
इसके साथ मोदी जी आप से भी निवेदन है कि आप झोला उठाइये और हिमालय निकलिए… आप बहुत कर चुके, अब आपका समय हेमू बनने का है, उसके लिए आपको भी बधाई है।
अंत में मैं अपने लिए भी बधाई सुरक्षित कर रहा हूँ, क्योंकि 2019 के बाद मैं भी भारत छोड़ अपने सभी बच्चों के साथ पारसियों की तरह विदेश में बसूँगा।
मेरे लिए यह आसान निर्णय नहीं है लेकिन कम से कम मुझको अपनी अंतरात्मा में यह संतोष होगा कि मेरी पीढ़ी के पास हिन्दू रह कर, जीने का अवसर प्राप्त होगा।
वैसे रेणुका जैन का यह उद्गार भी काफी कुछ हम भारतीयों को उनका चरित्र बता देता है।