रुदाली से बेहतर होगा ये जानना कि हम स्वयं क्या कर सकते हैं
शेक्सपियर का एक नाटक है – मर्चेंट ऑफ वेनिस। उस नाटक ने इंग्लिश को एक मुहावरा दिया है – pound of flesh या (शरीर का) एक पाउंड (वज़न) मांस। इसका संदर्भ समझना काफी रोचक है और आवश्यक भी। नाटक में इसका बैकग्राउंड कुछ यूं है – वेनिस शहर में एक सहृदय व्यापारी एंटोनियो (नायक) रहता … Continue reading रुदाली से बेहतर होगा ये जानना कि हम स्वयं क्या कर सकते हैं
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