‘कैसे’ और ‘किसने’ से अधिक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि इन्हें इतिहासकार बनाया ‘क्यों’ गया!
मित्र देवांशु झा पेशे से मीडियामैन हैं। रवीश-बरखा टाइप नहीं, राष्ट्रवादी वाले, वो भी पक्के वाले। मतलब एकदम यूनिक। इतने यूनिक कि संवेदनशील कवि के साथ क्रिकेट का भी शौक रखते हैं। उनकी क्रिकेट की पोस्ट इतनी जानदार होती है कि उसमें कवर ड्राइव से लेकर स्ट्रेट ड्राइव, ठीक बॉलर के ऊपर से, चौके -छक्के … Continue reading ‘कैसे’ और ‘किसने’ से अधिक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि इन्हें इतिहासकार बनाया ‘क्यों’ गया!
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