केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार सुबह (रात 1:50 बजे) निधन हो गया। 59 साल के अनंत कुमार काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें कैंसर था।
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने शोक व्यक्त किया है। उनका लंदन और अमेरिका में भी इलाज चला था। पिछले कई दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
कर्नाटक की राजनीति में उनका अहम योगदान था और वह बेंगलुरु दक्षिण से 1996 से ही लगातार 6 बार सांसद रहे थे। वह केंद्र सरकार में दो-दो मंत्रालयों, संसदीय मामलों और रसायन व उर्वरक मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
प्रधानमंत्री ने अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ‘वह इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं।’
प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘मेरे अहम सहयोगी और दोस्त, श्री अनंत कुमार जी के निधन से बेहद दुखी हूं। वह एक असाधारण नेता थे, जिन्होंने एक छोटी उम्र में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और अत्यंत परिश्रम और करुणा के साथ समाज की सेवा की। उन्हें हमेशा अपने अच्छे काम के लिए याद किया जाएगा।’
Extremely saddened by the passing away of my valued colleague and friend, Shri Ananth Kumar Ji. He was a remarkable leader, who entered public life at a young age and went on to serve society with utmost diligence and compassion. He will always be remembered for his good work.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2018
प्रधानमंत्री ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘अनंत कुमार जी एक सक्षम प्रशासक थे, जिन्होंने मंत्री के रूप में कई पोर्टफोलियो की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और वह भाजपा संगठन के लिए एक बड़ी संपत्ति थे। उन्होंने कर्नाटक में, विशेष रूप से बेंगलुरु और आस-पास के इलाकों में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की।’
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अनंत कुमार को कर्नाटक में भाजपा का अहम चेहरा माना जाता था। दक्षिण में पहली बार ‘कमल’ खिलाने में उनकी अहम भूमिका थी।