“मैंने दयालु, उदार व्यक्तियों के मध्य भारत में चार दिन बिताए, जिनकी आंखों में सजीव या सप्राण देवता निवास करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन में सद्भाव के मूल्य को आत्मसात किया है – जैसा कि भारत के इतिहास में है।”
ऐसे उदगार थे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के, जब वे भारत की चार दिवस की राजकीय यात्रा के बाद 10 जुलाई को वापस अपने देश जा रहे थे।
आज दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को जैकेट भेजने के लिए उन्हें सहृदय धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि वह इन जैकेट में बहुत जंच रहे हैं, और प्रधानमंत्री जी ने तुरंत ऐसी कई ‘शानदार’ मोदी जैकेट राष्ट्रपति जी को भेज दीं। सब की सब उनकी फिटिंग के अनुसार।
ऐसे होता है अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संबंधों को प्रगाढ़ बनाना, कई देशों के साथ एक गठबंधन बनाना जिनसे आपकी शक्ति में वृद्धि होती है।
भारत की एक छवि बनाना जो ना केवल आध्यात्मिक है, बल्कि भौतिक वस्तुओं में भी राष्ट्र की पहचान बना सकती है।
लेकिन इन से भी बढ़कर राष्ट्रपति महोदय का कथन कि उन्होंने भारतीयों की आंखों में सजीव देवता का निवास देखा है, उसने मेरे दिल को छू लिया।
Leaving India – I spent four days in India among its kind, generous people. Living gods appear to reside in their eyes, and Prime Minister Modi @narendramodi is a man who has known the value of harmony his entire life—just as India has throughout its history. pic.twitter.com/clNxl0QbS2
— 문재인 (@moonriver365) July 11, 2018
हर सनातनी के घर में जिस भी इष्ट देव की स्थापना की गई है वह उस परिवार का एक अभिन्न सदस्य है। हमारे घर में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की स्थापना है जिसे मेरी नानी और माताजी ठाकुर जी कहती हैं।
ठाकुर जी की देखभाल, स्नान, भोजन, सुलाने का पूरा एक प्रोटोकॉल है, व्यवस्था है। और उस प्रोटोकॉल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं हो सकती क्योंकि उस बाल रूप में भगवान श्री कृष्ण की आत्मा निवास करती है।
बिल्कुल वैसे ही जैसे हर मंदिर में एक सजीव देवता का निवास है। चाहे वह सबरीमला हो जहां कुछ आयु की महिलाएं नहीं जा सकती, या अन्य मंदिर हो जहां पुरुष नहीं जा सकते।
क्योंकि हमारे देवता निर्जीव नहीं है। वह हमारे साथ रहते हैं। हमारी आंखों में निवास करते हैं। हमारे दिल में निवास करते हैं।
भारत माँ के गौरव, सम्मान, अक्षुणता और संस्कृति के संरक्षण के लिए मुद्दे पर बने रहिये