ध्यान रहे, भारत को नहीं बनने देना है दूसरा वेनेज़ुएला

बहुत कड़वा लेख है। दिल मज़बूत रखकर ही पढ़ें।

जिस तरह से 2004 से 2014 के बीच भ्रष्टाचार अपने चरम पर था और खुद वित्तमंत्री और अन्य केन्द्रीय मंत्री भी भ्रष्टाचार के समुद्र में डूब उतर रहे थे।

लाखों करोड़ के घपले हो रहे थे, बैंकों को जबरन अपने खास लोगों को बिना सिक्योरिटी लाखों करोड़ बांटने को मजबूर किया जा रहा था।

मंहगाई लगातार तेज़ी से बढ़ती जा रही थी, तब, अगर 2014 में भी वापस कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए की सरकार बन जाती तो क्या हो सकता था?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले एक नजर दुनिया में पैट्रोलियम के भरपूर खज़ाने से मालामाल वेनेज़ुएला के ऊपर डालते हैं।

क्या आप जानते हैं :

कि अभी 5-6 वर्ष पहले तक दुनिया में सबसे सस्ता पैट्रोल वेनेज़ुएला में मिलता था?

कि वेनेज़ुएला में 5-6 वर्ष पहले तक किसी तरह का कोई टैक्स नहीं था?

कि वहां शुरु से अन्त तक पूरी पढ़ाई और हर तरह की मैडिकल मदद पूरी तरह से मुफ्त थी?

कि वहां हर व्यक्ति को नौकरी देना, और नौकरी न दे पाने पर पर्याप्त बेरोजगारी भत्ता देना सरकार की जिम्मेदारी थी?

कि सिर्फ 5-6 वर्ष पहले तक वेनेज़ुएला में जीवन गुज़ारना वहां के नागरिकों के लिए एक जीवन भर की मौज मस्ती थी?

और आज, वर्तमान समय के हालात इतने बुरे हैं कि दुनिया को सबसे अधिक विश्व सुन्दरी देने वाले देश की बेटियां जो कल तक अपने देश में पुलिस ऑफिसर, प्रोफेसर, अध्यापिका, नर्स, अखबार की रिपोर्टर आदि बतौर सम्मानजनक नौकरियां कर रही थीं, आज पड़ोसी देश कोलम्बिया जाकर 10-10 अमेरिकन डॉलर के लिए अपना शरीर बेचने को मजबूर हो गई हैं।

कई बार उनके साथ उनके शराबी ग्राहक मारपीट भी करते हैं और क्रूर शारीरिक सम्बन्ध भी बनाते हैं, पर मजबूरी में वो सब कुछ बर्दाश्त करती हैं ताकि अपने देश में छूट गये मां बाप, या भाई बहन, या पति व बच्चों के लिये महीने में 500-600 अमेरिकन डॉलर भेज सकें।

आखिर ऐसा क्या हुआ कि 5-6 वर्ष पहले का स्वर्ग इतनी जल्दी वहां के लोगों के लिए नरक बन गया? आखिर क्यों 3 करोड़ के आसपास की आबादी वाले देश से लगभग 10% जनसंख्या हर कीमत चुकाकर भी देश से बाहर भाग जाने को मजबूर हो गई?

जवाब बहुत साफ है। वेनेज़ुएला में पिछले लम्बे समय से वामपंथी सरकारों का ज़ोर चल रहा था, भ्रष्टाचार चरम पर था, खर्चे व सब्सिडी भयंकर थीं, तेल उत्पादन के अलावा किसी भी दूसरे उत्पादन पर किसी तरह की कोशिश की ही नहीं जा रही थी, भ्रष्टाचार और सब्सिडी की वजह से देश का खज़ाना लगभग खाली था।

और इसीलिए जब 2014 से दुनिया में तेल की कीमतें लगातार गिरती जा रही थीं, तो अचानक ही वेनेज़ुएला में हर चीज दिन दुगनी, रात चौगुनी मंहगी होती गई।

इतनी मंहगाई कि एक महीने की सैलरी से सिर्फ एक पैकेट पास्ता खरीदने के अलावा कुछ नहीं कर सकते, कि 2018 में मंहगाई 14 लाख प्रतिशत तक बढ़ गई, कि UN के अनुसार 2019 में मंहगाई 1 करोड़ प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।

1 करोड़ प्रतिशत, मतलब जो चीज आज 1 रुपये की है वही साल भर बाद 1 लाख रुपये की। याने पैसे की कीमत रोज़ किसी गहरे कुंए में गिरती जा रही है और कोई चीज़ दुकानों पर दिख नहीं रही है।

यही कुछ होता आज भारत में भी अगर 2014 में फिर से कोई भ्रष्टाचारी सरकार केन्द्र में आ जाती। भ्रष्टाचार की वजह से ज़मीनें -प्लॉट ही नहीं, बल्कि आलू, प्याज़, टमाटर, गेंहू, धान, मटर, साथ ही दवा आदि की कीमतें लगातार बढ़ते हुये धीरे धीरे देश की 40% अति गरीब जनता की पहुंच से दूर होती जातीं।

गरीब मजबूरन अपराध से जुड़ता, और देश में अराजकता का माहौल पैदा हो जाता. जगह जगह दंगे होते, मारकाट होती, बहुत बड़े पैमाने पर मजबूर लड़कियों को वेश्यावृत्ति का घृणित जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता, और हम फटी आंखों से अपने बच्चों व अपनी बहन बेटियों को सड़क पर नीलाम होते देखने के अलावा कुछ न कर पाते।

मित्रों, भगवान का शुक्र है कि भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी कांग्रेस – यूपीए सरकार 2014 में हार गई, वर्ना आज हमारे हालात भी वेनेज़ुएला जैसे हो सकते थे। अधिकतर सब्जियां, अधिकतर दालें आज उन कीमतों पर मिल पा रहे हैं जहां 2014 से भी पहले थे, मंहगाई यथासम्भव काबू में है, क्योंकि भ्रष्टाचार बहुत कम हो पा रहा है। हमारे बेटे – बेटियां सुरक्षित हैं क्योंकि अपराध कम हो रहे हैं, देश दिवालिया होकर वेनेज़ुएला नहीं बनने वाला, और इसीलिए हमारे चेहरों पर आत्मसन्तुष्टि झलकती है।

मित्रों, आगे भी ध्यान रहे कि अपने देश को दूसरा वेनेज़ुएला नहीं बनने देना है, कांग्रेस को फिर से सरकार में नहीं आने देना है, अपने देश की बेटियों को दूसरे देशों में जाकर वेश्यावृत्ति करने के लिये मजबूर होने से बचाना है।

और हां,

जय हिंद।

पिछले वर्षों में कौन रहा है मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्मन?

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