गौर से देखिये इस शख्स को, ये सिर्फ भारत का प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि आज अपनी मेहनत के बल-बूते विश्व का चैंपियन बन बैठा है।
देश हो या विदेश मोदी का कोई सानी नही, सुबह 4 बजे उठ कर जो कड़ी मेहनत शुरू होती है वो कई बार रात 1 बजे तक चलती है।
कमरतोड़ मेहनत का नाम है मोदी, सबको साथ ले कर चलने का नाम है मोदी, विकास का नाम है मोदी और अब विश्व चैंपियन का नाम है मोदी।
ये मैं नहीं कह रहा बल्कि ऐसा कहा है संयुक्त राष्ट्र महासभा ने। संयुक्त राष्ट्र ने मोदी को ‘Champion of The Earth’ खिताब से नवाज़ा है।
जहाँ दुनिया कोयले और खतरनाक परमाणु ऊर्जा बनाने में व्यस्त थी, वहीं मोदी ने विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट भारत में लगा दिया। जहाँ दुनिया पेट्रोल को ले कर परेशान थी वहीं मोदी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में क्रांति लाने की सोची।
मोदी जो ठान लेते हैं वो कर के ही दिखाते है, संयुक्त राष्ट्र का विश्व चैंपियन खिताब इस पर एक मोहर है। मुझे याद है मोदी जी ने कहा था देश के लिए मरने की नहीं जीने की ज़रूरत है। मोदी जी आज वही कर रहे हैं।
हम ने तो इस देश को वो हीरा चुन कर दिया जिसके आगे दुनिया नतमस्तक है, लेकिन कुछ लोग उस हीरे की चमक को झुठलाने का प्रयास कर रहे हैं।
हीरे की चमक फीकी करने के उद्देश्य से हीरे पर कीचड़ फेंका जा रहा है, लेकिन शायद उन्हें नहीं मालूम कि हीरा हज़ारों साल तप कर बनता है, कोयले का एक टुकड़ा जब तप करता है तब हीरा बन जाता है, और एक चाय वाला जब संघ का स्वयंसेवक बन कर तप करता है तो प्रधानमंत्री बन जाता है।
विरोधी जितना मोदी को नीचा दिखाते हैं मोदी उतना ही निखर कर आते हैं, दुनिया जिसकी मुरीद है, दुनिया जिस के आगे नतमस्तक है, उसे हमारे ही देश के कुछ लोग दिन रात गाली देते हैं, ऐसे में मैं सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ do we really deserve Modi?
मोदी जी में मेरा विश्वास कल भी अडिग था, आज भी अडिग है, कल भी अडिग रहेगा।
आप सब को विश्व चैंपियन प्रधानमंत्री की बहुत बहुत बधाई, इस हीरे को खोज कर लाने और उसे प्रधानमंत्री बनने के लिए आप सबका हृदय से आभारी हूँ।
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