मेरे एक दोस्त हैं मुम्बई में, बहुत मज़ेदार आदमी हैं… उन्होंने मुझे ये किस्सा सुनाया।
मुम्बई से दिल्ली आते हुए उनके बगल में एक लड़का बैठा हुआ था। अब इन्होंने समय बिताने की गरज से उससे बातचीत शुरू की… क्या करते हैं आप?
उसने कहा, आप मुझे नहीं जानते?
ये हक्के बक्के… इन्होंने उसे ध्यान से देखा, गौर फरमाया… दिमाग पे ज़ोर डाला… फिर बोले – नहीं भैया, मैंने आपको नहीं पहचाना…
उस छोकरे के चेहरे पर एकदम दया भाव उत्पन्न हो गया… देखो कितना नादान आदमी है… मेरे जैसे Celebrity स्टार को नहीं जानता…
इन्होंने कहा, चलो भाई गलती हो गयी, मैंने आपको पहचाना नहीं… अब बता तो दो कि आप हो कौन…
उसने कहा, मैं फलाना हूँ… फलाने चैनल पर फलाने फलाने नाम का जो सीरियल आता है, मैं उसका हीरो हूँ और ये सीरियल पिछले 4-5 साल से लगातार चलरहा है।
अब इन्होंने कहा, अबे मैं फलानी कंपनी का CEO हूँ, दुनिया भर में ऑफिस हैं मेरे, 3000 Software Engineers को तनख्वाह देता हूँ… अरे मूरख, मैं क्या शक्ल से तुझे ये सास बहू के सीरियल देखने वाला लगता हूँ? तुझे या तो वो हाउस वाइफ पहचानेगी जो दिन रात सास बहू के सीरियल देखती है या वो मर्द जो…
कल एक मित्र ने कहा कि कमाल है, आप देवकी नंदन को नहीं जानते पहचानते… मैंने कहा कि भाई मेरे, मैं आस्था टीवी और संस्कार जैसे चैनल नहीं देखता इसलिये किसी कथावाचक, भजनीक, संत, बाबा को नहीं पहचानता…
निर्मल बाबा को ज़रूर जानता हूँ क्योंकि वो बाबा कम कॉमेडियन ज़्यादा है… उसी तरह राम रहीम को भी मैं बाबा नहीं कॉमेडियन के रूप में पहचानता हूँ, जब वो Messenger of God बन के बात करता है या फिर जब वो बताता है कि उसने 32 गेम की नेशनल खेली है तो हंसते हँसते पेट दर्द होने लगता है…
उसी तरह मैं अपने राहुल बाबा को भी एक राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं बल्कि एक कॉमेडियन के रूप में पहचानता हूँ… youtube पे उनकी कॉमेडी देख मजा आता है।
इसी तरह मैं पुराने जमाने के गावस्कर और कपिल या सचिन को तो पहचानता हूँ पर आज की टीम के किसी खिलाड़ी को नहीं पहचानता… IPL के किसी स्टार को नहीं पहचानता, बॉलीवुड की किसी नई लड़की को नहीं पहचानता… रजनीकांत के अलावा दक्षिण के किसी बड़े से बड़े सुपर स्टार को भी नहीं जानता… क्योंकि मैं टीवी पर साउथ की घटिया डब फिल्में नहीं देखता।
देवकी नंदन ने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया था कि उन्हें हर आदमी जाने। मेरे लिए वो एक और अनूप जलोटा ही हैं… अनूप जलोटा भजन गा के आजीविका चलाते हैं, और देवकी नंदन कथा बांच के… मेरे लिए दोनों बिजनस मैन हैं।
बिजनस मैन और संत में फर्क होता है।
एक जमाने मे सीता माता और रावण और कृष्ण जी का रोल करके वो दीपिका चिखलिया और वो दोनों एक्टर (अरविंद त्रिवेदी और नितीश भारद्वाज) भी इतने फेमस हो गए थे कि भाजपा ने टिकट दे के सांसद बना दिया था। उन्होंने देश, समाज, पार्टी की क्या सेवा की, वही जानते होंगे।
देवकी नंदन के बारे में सुना है कि वो उत्तर प्रदेश धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष बनना चाहते थे। भाजपा के मंत्री, और मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा ने वादा भी किया था पर काम बना नही। इसलिए देवकी नंदन जी Arm Twisting और ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं, और कुछ नहीं।
बाकी यूपी में देवकी नंदन जैसे 36000 कथा वाचक गुरु घंटाल टहल रहे हैं… किसकी किसकी ब्लैकमेल सुने? बनारस की तो हर गली गुच्ची में, हर चट्टी चौराहे पे ऐसे ऐसे गुरु घंटाल पड़े हैं जो ऐसी कथा बांच दें कि आदमी को एकदम Instant मोक्ष प्राप्त हो जाये।
बाकी फेसबुकियों को नया हिन्दू हृदय सम्राट मिला है, करें एन्जॉय।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यवहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति मेकिंग इंडिया उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार मेकिंग इंडिया के नहीं हैं, तथा मेकिंग इंडिया उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।