भारी आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक अराजकता की आग में सुलग रहे पाकिस्तान में व्याप्त चहुंमुखी अराजकता की आग में आज आये चुनाव परिणामों ने भरपूर पेट्रोल उंड़ेलने का काम कर दिया है।
पाकिस्तान के ‘धरना मास्टर’ और ‘पाकिस्तानी केजरीवाल’ इमरान खान को जिताने के लिए पाकिस्तानी फौज द्वारा खुलकर जमकर किये गए नंगनाच के बावजूद पाकिस्तानी केजरीवाल की पार्टी सबसे ज्यादा सीटें (सम्भवतः 110) जीतकर सबसे बड़ी पार्टी तो बन जाएगी लेकिन बहुमत से काफी दूर रह जाएगी।
नवाज़ शरीफ़ और उसकी बेटी को जेल में डालने के बाद पाकिस्तानी अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर उनको और उनकी पार्टी PML-N की खबरों को फौज ने सख्ती के साथ पूरी तरह ब्लैकआउट करा दिया था।
पाकिस्तानी फौज नवाज़ के खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर देश से गद्दारी करने तक के आरोपों का एकतरफा निर्विरोध प्रचार पाकिस्तानी मीडिया में महीनों पहले से जमकर करवा रही थी। इसके बावजूद नवाज़ शरीफ़ की पार्टी को 70 से अधिक सीटें मिलने की संभावनाएं स्पष्ट दिखाई दे रहीं हैं।
नवाज़ शरीफ़ की पार्टी को यदि इतनी सीटें मिलती हैं तो इसका बहुत साफ मतलब यह होगा कि पाकिस्तान की जनता का बहुसंख्यक वर्ग अब पाकिस्तानी फौज और उसकी मनमर्जी दखलंदाजी के खिलाफ एकजुट होने की हिम्मत जुटा रहा है।
फौज के कट्टर विरोधी भुट्टो परिवार की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को भी 40 से अधिक सीटें मिलने की संभावनाएं यही संकेत कर रहीं हैं।
पूरे और स्पष्ट चुनाव परिणाम आने से पहले ही पाकिस्तान की पांच बड़ी राजनीतिक पार्टियां आज ही एकजुट होकर इमरान खान के खिलाफ जिस तरह एक मंच पर एक साथ खड़े होने की तैयारी में जुट गयीं हैं उससे यह तय लग रहा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सड़कों पर जूते में दाल बंटती हुई दिखाई देगी। दाल के इस बंटवारे से पाकिस्तानी फौज भी अछूती नहीं रह पाएगी।
कुल मिलाकर पाकिस्तान में खेल का मैदान पूरी तरह तैयार है। खेल खेलने का पूरा साजो सामान भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो गया है। हमारे पास ऐसे मैदान में शानदार पारी खेलने वाला दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर खिलाड़ी भी मौजूद है, जो पहले भी पाकिस्तान में घुसकर बहुत लम्बी और शानदार ऐतिहासिक पारी खेल चुका है। इसलिए भारत के लिए यह बहुत शुभ समाचार है।
थरूर भूल गए कि कांग्रेस ने की हैं देश को हिन्दूविरोधी पाकिस्तान बनाने की कोशिश