भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद विनय कटियार ने मॉब लिंचिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मुसलमानों को यह बात समझनी चाहिए कि गौ हत्या होगी तो मॉब लिंचिंग भी होगी।
कटियार ने कहा कि गौ हत्या के बाद चुप नहीं रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को हिन्दू समुदाय की भावनाओं को समझना चाहिए और उससे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि गौ हत्या को लेकर लोगों में जागरूकता आई है। इसी वजह से उपद्रवी भीड़ द्वारा गौ-तस्करों को पीट-पीटकर मारे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
कटियार ने कहा कि पशुओं को लेकर मनुष्य की हत्या करना बिल्कुल अनुचित है लेकिन यह भी उचित नहीं है कि गाय की हत्या हो और लोग उस पर प्रतिक्रिया न दें।
हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और न ही मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं होनी चाहिए।
राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग में रकबर की हत्या को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि इस मामले में गंभीरता से पुलिस लापरवाही की जांच होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात राजस्थान के अलवर जिले में गौ तस्करी के शक में भीड़ ने रकबर नाम के शख्स की पिटाई कर दी, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। उसने 6 किलोमीटर दूर अस्पताल तक पीड़ित को पहुंचाने में तीन घंटे लगा दिए।
वहीं मॉब लिंचिंग मामले को लेकर संसद भी गरमाई हुई है। मंगलवार को लोकसभा में गृह मंत्री के आश्वासन और बयान के बावजूद इस मुद्दे को विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन भड़क गईं।
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा चाहते थे। विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब गृह मंत्री ने इस मामले में समिति गठित करने के साथ विस्तृत बयान दिया है, ऐसे में हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है।
हालांकि अध्यक्ष महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी। इसके बाद कांग्रेस, माकपा समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे।
इस पर महाजन ने कहा कि वह किसी को मुद्दा उठाने से मना नहीं कर रही हैं, पर रोज रोज एक ही बात कहना ठीक नहीं है। वह भी तब, जब गृह मंत्री इस बारे में बयान दे चुके हों और समिति गठित करने की बात कह चुके हों।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हर चीज का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, मैं भी बोल रही हूं कल शाम को माननीय होम मिनिस्टर ने स्टेटमेंट दिया, फिर आप अगर दोबारा चाहते हो, तो मैं होम मिनिस्टर से कहूंगी कि वो इस पर अपना स्टेटमेंट दें।”
इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आसन के समीप आकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने लगे। खड़गे कल इस विषय पर बात नहीं रखने देने का भी आरोप लगा रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान से उठकर अपने नेता सुदीप बंदोपाध्याय को लिंचिंग के विषय पर बोलने देने की इजाजत मांग रहे थे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवा रही थीं और उन्होंने सभी सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया।
खड़गे ने कहा कि मॉब लिंचिंग के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जानी चाहिए। इससे पहले खड़गे को यह भी कहते सुना गया कि ‘‘यह भाजपा का सदन नहीं है। जनता का सदन है। लोकसभा है।’’ उनके इस बयान पर भाजपा के निशिकांत दुबे और अन्य पार्टी सदस्यों ने उनसे माफी मांगने को कहा।