वैसे तो मैं जानता हूं कि बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाके की ज़रूरत होती है।
मैं यह भी जानता हूं कि व्यभिचारी वामपंथी और कुकर्मी कांग्रेसी तथ्यों पर कभी बात नहीं कर सकते।
फिर भी कबूतर हिंदुओं के लिए कुछ तथ्य रख दे रहा हूं, जो आपसी मारपीट और गुंडई की कुछ घटनाओं में कुछ मोहम्मडन के मारे जाने से इतने दुखी हैं कि वामपंथियों के फैलाए जाल में ही फंस जा रहे हैं।
1. 3 मई, 2015 जिहादियों ने पश्चिम बंगाल के जुरानपुर में एक हिंदू परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी। तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक मो. नसरुद्दीन अहमद पर हत्यारों को शह देने के आरोप।
2. महाराष्ट्र के पंढरपुर में एक 17 साल के हिंदू लड़के सावन राठौड़ को सिर्फ हिंदु होने के कारण सरेआम जला दिया गया। मामले में फातिम नगर के इब्राहिम मेहबूब शेख, इमरान तांबोली और झुबेर तांबोली पर आरोप लगा, लेकिन इस पर Lynching सेक्युलर जमात ने चुप्पी साध ली। इसकी हकीकत एक मिनट और 19 सेकेंड के वीडियो से खुल गई जो मौत से पहले सावन राठौड़ ने पुलिस को बताई थी।
3. पश्चिम बंगाल के बर्दमान में एक हिंदू महिला को मुसलमानों ने पीट-पीट कर सिर्फ इसलिए मार डाला कि उसे बच्चा चोर समझ लिया गया था।
4. तमिलनाडु के कोयंबटूर में 18 मार्च, 2017 को एक मुसलमान एच फारुक को सिर्फ इसलिए मार दिया गया कि उसने अपने धर्म (इस्लाम) के बारे में एक तर्कसंगत विचार रखा था। लेकिन उसके ये विचार उनके साथियों को नागवार लगा और Ansath नाम के मुस्लिम युवक के नेतृत्व में एक भीड़ ने फारुक को मार डाला।
5. 24 मार्च, 2016 को दिल्ली के विकासपुरी में एक डेंटिस्ट डॉ पंकज नारंग को 15 मुसलमानों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, इनमें से चार नाबालिग थे। इसकी कहीं कोई चर्चा नहीं हुई।
6. नवंबर, 2016 को पश्चिम बंगाल के बर्दमान जिले में इंद्रजीत दत्ता को मुसलमानों की भीड़ ने सिर्फ इसलिये मार डाला कि उसने मोहर्रम का चंदा देने से मना कर दिया था।
7. 11 मई, 2016 को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक हिंदू आईआईटी स्टूडेंट कौशिक पुरोहित को भैंस चोरी का आरोप लगाकर मुसलमानों की भीड़ ने मार डाला। इस भीड़ की अगुवाई टीएमसी नेता तापस मलिक कर रहे थे।
8. 21 मई 2017, को महाराष्ट्र के उल्हास नगर में कुछ मुसलमानों ने आठ वर्ष के दो दलित बच्चों की चकली मांगने पर पिटाई कर दी। इतना ही नहीं इसके बाल काट दिए गये और चप्पलों की माला पहना कर सड़कों पर घुमाया। आरोपी महमूद इरफान और सलीम थे।
9. पश्चिम बंगाल में नादिया जिले के शांतिपुर में 45 साल के गरीब मछुआरे को मुसलमानों की भीड़ ने मार डाला। मारने वाले सभी 15 आरोपी मुसलमान थे।
10. बुलंदशहर में एक टैक्सी सवार परिवार के साथ जब मुसलमानों ने सामूहिक बलात्कार किया तो आज़म खान ने इसे राजनैतिक साजिश बता दिया।
11. आगरा में एक हिंदू दलित नेता अरुण कुमार की Lynching शाहरुख, राजा, इम्तियाज, अबीद और दिलशाद नाम के मुसलमानों ने की। लेकिन इस पर कोई बवाल नहीं मचा।
हिंदू कहकर हाल में हुई हत्याएं और हमले
16 फरवरी 2016 : आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता पीवी सुजीत का केरल में कन्नूर में उनके घर में हत्या।
9 अक्टूबर 2015 : गोकशी का विरोध करने पर कर्नाटक के मूडबिद्री में प्रशांत पुजारी की हत्या।
जून 2014 : यूपी में 10 दिनों के भीतर 3 भाजपा नेताओं (विजय पंडित, ओमवीर सिंह फौजी, राकेश रस्तोगी) की हत्या।
जुलाई 2014 : सीपीएम कैडर द्वारा त्रिपुरा में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया।
20 जुलाई 2013 : भाजपा के राज्य महासचिव के अकाउंटेंट वी रमेश की सलेम में हत्या।
रामपुर में खेत में गाय चराने की मामूली घटना पर मुसलमानों ने मिलकर 15 साल के बच्चे की गोली मारकर हत्या कर दी, घर में आग लगा दी।
24 अक्टूबर 2015 को यूपी कन्नौज में मुसलमानों ने दुर्गा पूजा के जुलूस के ही रोक दिया। मुसलमानों ने हिंदू युवक को सरेआम मार डाला।
ये कुछएक उदाहरण मात्र हैं। अधिक दिमाग नहीं लगाना है। समझना केवल इतना है कि भीड़ द्वारा आपसी रंजिश और गुंडागर्दी में की गयी हत्याओं के आधार पर पूरे देश को लिंचिस्तान करार देना कहां का न्याय है।
ये वही दोगला न्याय है, जो गुजरात और मुज़फ्फरनगर के दंगों के नाम पर अमरावती से अमेरिका तक भीख मांगता है, देश को बदनाम करता है, लेकिन… लेकिन गोधरा की चर्चा नहीं करता, मुज़फ्फरनगर में मोहम्मडन जो गुंडई कर रहे थे, उसकी बात नहीं करता…।
ऊपर दी गयी तस्वीर यदि आपको याद है, तो वह लिंचिंग का शानदार उदाहरण है।
(आंकड़े जुटाने में Ravi Gaurava की मदद के लिए आभार)
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