युगद्रष्टा : 2050 के भारत की नींव डाल रहे हैं मोदी

1960 के दशक तक सिंगापुर मछुआरों की एक छोटी सी बस्ती थी। गांव था एक टापू पर बसा हुआ। गंदा, घिनौना गांव।

1965 में आज़ादी मिली थी सिंगापुर को। Lee Kuan Yew जैसे युगद्रष्टा विज़नरी नेता ने उसे दुनिया का सबसे बेहतरीन देश बना दिया।

1965 में जब Lee Kuan जब अपने देशवासियों से कहते होंगे कि एक दिन हम दुनिया के सबसे बेहतरीन मुल्क बनेंगे तो लोग यही कहते होंगे कि साला फेंक रहा है… फेंकू…

पर Lee Kuan की नज़र आज पर नहीं बल्कि 25 – 50 साल बाद के सिंगापुर पर थी।

आज सिंगापुर की आबादी लगभग 55 लाख है।

1965 में गरीब मछुआरों के देश के नेता Lee Kuan जानते थे कि 2020 में ये 55 लाख करोड़पतियों का देश होगा… उन्होंने करोड़पतियों के लिए एक राष्ट्र का निर्माण किया।

सिंगापुर को जब आज़ादी नही मिली थी उस से भी 10 साल पहले नेहरू ने देश की राजधानी दिल्ली के विकास के लिए DDA यानी Delhi Development Authority का गठन किया।

1965 में DDA ने दिल्ली का Master Plan पेश किया… उसी 1965 में सिंगापुर को आज़ादी मिली थी… 1965 में आधुनिक भारत के तथाकथित निर्माता नेहरू ने सपने में भी ये नहीं सोचा था कि दिल्ली के लोगों के पास कार तो छोड़ो स्कूटर भी नसीब होगा!

1965 से ले के 1980 तक DDA ने जो फ्लैट बनाये उनमें कार पार्किंग का प्रावधान तो छोड़िए, स्कूटर या साईकल रखने तक की जगह नहीं बनाई…

गुरुचरण दास की किताब India Unbound पढ़िए… नेहरू कहा करते थे कि Why should a country have 10 brands of toothpaste…

नेहरू ने जिस भारत का निर्माण किया उस भारत में 1982 में प्रिया स्कूटर ब्लैक में बिकता था, एलपीजी कनेक्शन के लिए 7 साल की वेटिंग लिस्ट थी।

1984 में दिल्ली में लैंडलाइन टेलीफोन लगवाने के लिए केंद्रीय मंत्री की सिफारिश लगती थी और 1989 में वीपी सिंह की सरकार में अमेठी वाला संजय सिंह 25 हज़ार ले के फोन लगवाता था दिल्ली में… 1989 में 25 हज़ार रूपए मने आज का 5 लाख रुपया… ये फोन लगवाने की रिश्वत थी दिल्ली में…

केंद्रीय कर्मियों के सरकारी फ्लैट्स में डिप्टी डायरेक्टर पद के अधिकारी को मिलने वाले फ्लैट, बंगले में भी कार पार्किंग या स्कूटर पार्किंग का प्रावधान नहीं था… जानते हैं क्यों?

Socialism… समाजवाद… Why should a लखपति करोड़पति drive a car? He should ride a cycle… कार और स्कूटर Capitalism (पूंजीवाद) की निशानी जो थी…

मोदी आज जिस भारत की नींव डाल रहे हैं वो 2050 और 2070 का भारत होगा… युगद्रष्टा बहुत दूर की सोचता है।

मोदी दूरद्रष्टा हैं… उनको फेंकू कहने वाले वही लोग हैं जिनके पिता ने कभी सोचा भी न था कि उनके बेटे को कार या बाइक तो छोड़ो, कभी साइकिल भी नसीब होगी…

क्रमशः…

उन्हें चाहिए मुफ्तखोरी, सब्सिडी, खैरात, और आप लगे हैं नया हिंदुस्तान बनाने में!

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