मैंने discovery channel पे एक स्टोरी देखी थी। Australia के किसी छोटे शहर में जो एक बहुत बड़े रेगिस्तान के बीच बसा हुआ था वहाँ अचानक चूहों की संख्या बढ़ने लगी। लोगों ने घरेलू उपाय किये चूहे पकड़ने के। पर जल्दी ही वो सब उपाय फ़ेल हो गए। फिर नगर प्रशासन ने कमान सम्हाली सब उपाय किये। कोई हल न निकला। सारे उपाय किये। कुछ दिन की राहत मिलती पर फिर चूहों की संख्या फिर बढ़ जाती।
मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा। विशेषज्ञ आये पर सब उपाय फेल हो गए।
जल्दी ही हालात इतने भयावह हो गए की चूहों ने घरों पे कब्जा कर लिया। वो रसोई का सब सा मान खा जाते। कपडे किताबें चमड़े के सूटकेस तक। धीरे धीरे वो बच्चों पे भी हमला करने लगे।
अंत में जब सब उपाय फेल हो गए तो सरकार ने हार मान ली।
नागरिकों को शहर खाली करने का आदेश दे दिया गया।
लोग शहर छोड़ के चले गए।
पीछे रह गए चूहे। उन्होंने शहर में जो बचा खुचा अनाज था वो एक दो दिन में खा डाला। फिर उन्होंने धीरे धीरे वो सब कुछ खा डाला जिसे वो खा सकते थे।
बहुत जल्दी वो समय आ गया जब उस रेगिस्तान में खाने के लिए अब कुछ नहीं बचा था। इसलिए चूहों ने एक दूसरे को ही खाना शुरू कर दिया।
दो महीने बाद उस शहर के लोग जब अपने शहर अपने घरों में वापस लौटे तो मरे हुए सूखे चूहों के कुछ अवशेष बचे थे। पूरे शहर में एक भी चूहा न था।
ऐ मुसलमानों ….. आज 21वीं सदी में जब दुनिया भर के लोग सिर्फ 1 बच्चा पैदा करना चाहते हैं तुम आज भी एक दर्ज़न करते हो। ज़ाहिर सी बात है कि तुम्हारी ग्रोथ exponential है। एकदम चूहों की तरह।
डिस्कवरी चैनल देखा करो। अच्छा चैनल है।