नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था स्थिति की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह बीती शाम कश्मीर घाटी पहुंचे.
विशेष विमान से बुधवार शाम श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे गृहमंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी श्रीनगर पहुंचे हैं.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ बुधवार रात कई घंटे तक बातचीत की.
इस दौरान जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में आतंक की तरफ बढ़ रहे स्थानीय युवकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है.
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था.
बुरहान वानी की मौत के दो साल पूरे होने पर अलगाववादी नेताओं ने घाटी में बंद का एलान कर प्रदर्शन और रैलियों की तैयारी की है. इसके चलते कश्मीर घाटी के लिए अगले 72 घंटे बेहद मुश्किल भरे माने जा रहे हैं.
आशंका है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अगले तीन दिनों के भीतर घाटी में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. इस आतंकी वारदात के जरिए हिजबुल के आतंकी अपने कमांडर की मौत का बदला लेना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, आतंकियों के निशाने पर मुख्यतौर पर अमरनाथ यात्री, सुरक्षाबलों के परिसर, कानून-व्यवस्था में तैनात सुरक्षाबल सहित प्रमुख सरकारी इमारतें हैं.
इसके अलावा, आतंकी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, प्रमुख बाजार सहित अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी खूनखराबा कर सकते हैं.
घाटी में अलगाववादी नेताओं की योजना और आतंकियों की साजिश के बाबत भनक लगते ही सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है.
खास तौर पर लॉ एण्ड आर्डर की ड्यूटी पर तैनात जवानों को खास तौर पर अपनी और मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए खास निर्देश दिए गए हैं.