अब सिर्फ लोक कथाओं और मुहावरे में ही सुनने को मिलता है ‘घी का अदहन देना’. लेकिन मुहावरों से बाहर निकल कर जब वही शुद्ध घी के अदहन में बनी दाल (बगैर एक बूंद पानी के) खाने को मिले तो स्वाभाविक है कि जो इस शाही व्यंजन को जो खाएगा खाता ही रह जाएगा.
दाल बनाने के लिये किये जाने वाले गरम पानी को अदहन कहा जाता है. चूंकि इसमें पानी नहीं है तो यह घी का ही अदहन हुआ. तो आइये जानते हैं कैसे बनती है ये अद्भुत स्वादिष्ट दाल.
विधि
घी वाली दाल बनाने के लिये चना दाल:घी:प्याज का अनुपात 1kg:2kg:5kg रहेगा. इसके अलावा 200gm काजू और बाकी मसाले और उनकी मात्रा वही रहेंगी जो तड़के वाली दाल में पड़ते हैं जैसे कि जीरा, गरम मसाला, तेज पत्ता, लहसुन, अदरक, हल्दी, नमक इत्यादि.
सबसे पहले प्याज को काटकर उसके तीन चौथाई भाग को अलग कर लेंगें. फिर 1.5kg घी और तीन चौथाई प्याज को तीन घंटे पहले भिगोई गयी दाल के साथ मिलाकर कूकर में बैठा देंगे.
उसमें एक चम्मच हल्दी और नमक डालकर कूकर बंद कर पकने देंगे.
तब तक बाकी बचे आधा किलो घी में काजू को हल्का तल लिया जायेगा. फिर उसी घी में जीरा, तेजपत्ता, बारीक कटी हुई मिर्च (100g.), बारीक कटा लहसुन (100g.), अदरक डालकर हल्की आंच पर गरम किया जायेगा.
लगभग दो मिनट बाद उसमें बाकी बची एक चौथाई प्याज को डालकर सुनहरा होने तक पकाया जायेगा.
इसके बाद मसाले तथा छोटे टुकड़े में कटे टमाटर (आधा किलो) को डालकर उसके गलने तक पकाया जायेगा.
प्याज और मसाले के मिश्रण में ही काजू को भी मिला देना है.
उधर दाल में तीन सीटी बजने के बाद कुकर के ढक्कन को खोलकर उसमें तैयार प्याज और मसाले को मिश्रण को डालकर दोबारा लगभग दस मिनट तक पकने देंगे.
इसके बाद आंच बंद करके कुकर का ढक्कन खुलने पर बारीक कटे हरे धनिया पत्ती को ऊपर से डालकर परोस दिया जायेगा.