2002 में न मोदी ने तलवार चलाई, न गोली चलाई, न तीर मारा, न भाला बरछा लेकर सड़क पर दौड़ लगाई… जो भी किया जनता ने किया… गोधरा के विरोध में किया…
मोदी ने स्थिति को संभाला ताकि गुजरात में ज्यादा नुकसान न हो… दंगे दुर्भाग्यपूर्ण होते हैं, दंगों से जान-माल का जो नुकसान होता है वो तो है ही… बाद में जो उधड़ता है वो बड़ा नुकसानदायी होता है.
उसके बाद गुजरात में एक भी दंगा नहीं हुआ, ये मोदी की उपलब्धि है… गुजरात में पानी, सड़क, बिजली, हस्पताल की पहुँच घर घर में कर दी, 24X7 बिजली-पानी, अहमदाबाद, बड़ोदा, सूरत को घटिया और गंदे शहर से विश्व स्तर का शहर बनाया…
उद्योग लगाए, लोगों को व्यवसायी बनाया… तब गुजरात अकेले विश्व सूचकांक में स्थान पाने वाला राज्य बना…
साथ ही मोदी ने अपने हिंदुत्व को संभाल के रखा लेकिन किसी मज़हब का मज़ाक नहीं उड़ाया किसी की बेइज़्ज़ती नहीं की… किसी की दी टोपी भी नहीं पहनी… अपने तिलक को अपना बना के रखा किसी के माथे पर थोपा भी नहीं…
वही मोदी दिल्ली में है… वही मोदी लोगों को सड़क, बिजली देने के लिए जी तोड़ काम कर रहा है…
आज किसान को खाद की परेशानी नहीं है, हर खेत को पानी की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है, हर इंसान के स्वास्थ्य खर्च के लिए बीमा का इंतज़ाम कर रहा है…
लोगों को व्यवसायी और उद्यमी बनाने की कोशिश कर रहा है जिससे रोजगार बढ़े और लोग खुद के पैरों पर खड़े हों…
मोदी अभी भी किसी की टोपी नहीं पहनता… मोदी मंदिरों में जाता है… पूजा, हवन करता है… नवरात्र व्रत में सिर्फ निम्बू पानी लेता है…
मोदी अबू धाबी, कुवैत, सऊदी अरब में मंदिर बनवाने की आधारशिला रखता है… मोदी विश्व भर में गीता बाँट देता है… मोदी पूरे विश्व में योग को फैला कर प्रति वर्ष एक दिन योग के नाम कर देता है…
मोदी अमेरिका के न्यू यॉर्क, जिनेवा स्थित UN की बिल्डिंग, दुबई के बुर्ज़ खलीफा से लेकर ताइपेई टावर तक में भारतीय योग की थीम पर पूरा दिन रौशनी बाज़ी करवा देता है…
मोदी अध्यात्म नगरी बनारस की आत्मा… गंगा के घाट, जहाँ मानव मल भिनभिनाता पड़ा रहता था, वहां ऐसा काम करता है कि अब रोज हर घाट पर सांस्कृतिक कार्यकम होते हैं, हर घाट चमचमाता है…
गुजरात और भारत के शासन में फर्क है… अगर मोदी सऊदी अरब जाता है और वहाँ का शासक उसको अपनी मस्जिद ले जाता है तो मोदी को जाना ही होगा…
इंडोनेशिया का राष्ट्रपति अगर उसको अपने मस्जिद ले जाता है तो जाना होगा (वही इंडोनेशिया का राष्ट्रपति अपने घर के एक बच्चे का नाम नरेंद्र भी रखता है)…
ओबामा, ट्रम्प और UAE का सुल्तान अगर भारत को दिवाली और होली की बधाई देते हैं और आप खुश होते हो तो… मोदी को भी Merry Christmas और रमदान मुबारक कहना ही होगा…
मोदी जब UAE और सऊदी जाता है तब वहां राम कथा का आयोजन होता है… और वहाँ के लोग रामनामी कीर्तन गाते हैं तो मोदी को भी कुरान और बाइबिल की कुछ लाइन बोल कर लोगों को बधाई देना ही होगा…
हिन्दू कभी किसी का अपमान नहीं करता, किसी धर्म का उपहास नहीं करता… कभी आदि गुरु से लेकर स्वामी विवेकानन्द यहाँ तक कि तमाम पुजारियों या आज के कथा वाचकों को किसी धर्म का उपहास करते देखा है?
क्या कभी किसी अपने धर्मगुरु को दंगा कराते देखा सुना है? हिंदुत्व हमको अपने अध्यात्म, सोच और समझ को विकसित करने के लिए लोकतान्त्रिक अधिकार देता है…
हिंदुत्व हमको वो अधिकार देता है कि हम अपने अध्यात्म की इतनी बड़ी रेखा खींच दें कि कोई उसके आस पास ठहरने से पहले लाखों बार सोचे…
आज मोदी विश्व में गीता बाँट के, योग को स्थापित कर के, आदि योगी का विश्व में मान बढ़ा कर, हर देश में मंदिर खोजकर उसमें पूजा अर्चना कर के, अन्य देशों में मंदिर स्थापित करके वही रेखा बड़ी कर रहा है… और आप मोदी को न जाने किस चश्मे से देख रहे हो…
मोदी हमारे अपने मुहल्ले का पार्षद नहीं है… वो देश का प्रधानमंत्री है, उसको सब 125 करोड़ को साथ लेकर चलना होगा, सबके तीज-त्यौहार पर शुभकामना बधाई देना ही होगा…
जो उसको वोट दे उसका भी उसको करना होगा, जो न दे उसका भी करना होगा… अगर आपको मालूम है कि मोदी को कौन वोट देता है और कौन नहीं देता है तो ये बात मोदी को भी मालूम है और आपसे अच्छे से मालूम है…
क्योंकि मोदी किसी गाँधी, यादव, सिन्धिया, नेहरू खानदान या बड़के बाप का बेटा नहीं है… मोदी अपने चाचा के चाय की दुकान से लेकर, RSS दफ्तर में दरी पर बैठ कर पाठ सीखने वाला बटुक रह चुका है…
मोदी बीजेपी में आने से पहले पूरे भारत का देशाटन कर चुका है… मोदी आम लोगों के बीच अपने जीवन के 45 वर्ष गुजार चुका है… मोदी CM-PM बनने से पहले संसार के अनेक देशों में जाकर उनका माहौल भांप चुका है…
मोदी तो पहली झाँकी है… अगला जो भी होगा – योगी या कोई और… वो अपने कदम उसी हिसाब से बढ़ाएगा… जैसा लोग मोदी को रिजल्ट देंगे 2019 में…
लेकिन अंतर नहीं होगा… योगी या कोई भी अन्य जब तक राज्य में है तब तक वो वैसे ही चलेगा जैसे चल रहा है… लेकिन दिल्ली आकर मामला बदल जाता है… तब आपको देश की नहीं विश्व की राजनीति करनी होती है. पूरा विश्व आपके एक एक शब्द, एक एक कदम पर निगाहें गड़ाए बैठा होता है… एक एक शब्द और कदम आपके देश को दिशा देते हैं…
खैर… अब इस लेख के बाद आप दो चीज़ कर सकते हैं… पहला, आप मोदी पर भरोसा रख सकते हैं… दूसरा, आजकल जो कुछ खास शब्द चले हैं वो सब हमारे ऊपर चिपका के हमें कुछ भी कह सकते हैं…
लिखा तो इसे है मानो मोदी जी के इन कामों पर किसी को एतराज है , समस्या तो मोदी जी की स्वयंम की बनाई हुयी बनावटी छवि से पैदा हुयी है …. एक सीएम् मौलाना की दी हुयी टोपी पहिन लेते तो उनका हिंदुत्व और CM पद प्रभावित तो नहीं हो रहा था लेकिन इस नाटक से मिलने वाले वोट जरुर हाथ नहीं आते …… पूरी दुनिया के मंदिरों में पूजा करते हैं लेकिन अयोध्या की सीमा में जाने में शायद संविधान की मर्यादा का उल्लंघन का आरोप लग सकता है …