देश का बंटवारा… विभाजन के दौरान 50 लाख देशप्रेमी हिंदुओं की दुर्दांत हत्या… सनातन शवों से भरी हुई ट्रेनें… लाखों महिलाओं के साथ बलात्कार और उनमें से अधिकांश की हत्या, देश के सबसे उपजाऊ, खूबसूरत और समृद्ध क्षेत्रों का जिन्ना के नेतृत्व में मोमिनों द्वारा छीन लिया जाना… कभी संभव नहीं होता यदि उस काल के दंगाइयों के साथ 5000 साल से तथाकथित रूप से ‘सताये हुए’ लोग, इन दंगाइयों-हत्यारों की मदद नहीं करते.
इनके नेता कथित सवर्णों से बेवजह की कल्पित दुश्मनी के चलते भारत विभाजन के समर्थक बने रहे. बल्कि जिन्ना की टू नेशन थ्योरी के सलाहकार भी बने रहे.
देश खंड-खंड हुआ… इस वर्ग को देश तोड़ने की सज़ा के बजाय विशेष सुविधायें मिली… जिन लोगों ने देश के लिए प्राण अर्पित किए… वह भारत मे दोयम दर्जे के नागरिक बना दिये गए….
पाकिस्तान समर्थकों एवं ‘देशप्रेमियों के दुश्मनों’ के बीच सैकड़ों वर्षों का इत्तेहाद आज भी जारी है… आज भी भारत को मज़हब के आधार पर विभाजित करने वाले लोग ‘कथित आर्मी’ जैसे अवैध संगठन बनाकर हिंदुओं को खत्म करने का षड्यंत्र रचते रहे हैं.. इकतरफा दुश्मनी आज भी निभाई जा रही है :-
कल अशोक मेघवाल नामक व्यक्ति ने पुष्कर के ब्रह्मा मन्दिर के पुजारी पर कुल्हाड़ी से गर्दन पर जानलेवा हमला कर दिया! यही नहीं वह अन्य भक्तों पर भी कुल्हाड़ी लेकर हमला करने भागा….
दरअसल कुछ दिन से सुनियोजित रूप से शांतिदूतों द्वारा यह अफवाह फैलाई गई थी कि राष्ट्रपति के दलित होने के कारण पुष्कर के उक्त मन्दिर में राष्ट्रपति को प्रवेश न कराकर मन्दिर की सीढ़ियों पर पूजा कराई गई…
सच्चाई यह कि राष्ट्रपति के पैर में चोट होने के कारण उन्होंने स्वयं मन्दिर की सीढ़ियां चढ़ने में असमर्थता ज़ाहिर की थी… उनकी पुत्री ने ब्रह्मा मन्दिर के पूर्ण दर्शन किये, प्रसाद ग्रहण किया…
परंतु सोशल मीडिया पर शांतिदूतों और सनातन से घृणा करने वाले तत्वों के भड़कावे में आकर, मन्दिर के पुजारी पर झूठे अस्पृश्यता के आरोप लगाकर अशोक मेघवाल ने पुजारी की हत्या करने की कोशिश की….
शांतिदूत, सनातन को तोड़ने में कामयाब हो चुके हैं…. सरकार सब कुछ टुकुर-टुकुर देखने के लिए अभिशप्त है… क्योंकि वोटों की खेती सबको करनी है…