ये जो नई जनरेशन है न, कसम से बड़ी एडवांस है. मैं हायर सेकंडरी में थी तब पहला मोबाइल मिला था. LG का फोल्डिंग वाला विथ 256mb मेमोरी कार्ड.
सही बता रही हूँ मुझे ब्लूटूथ से गाने शेयर करने तक नही आते थे.कंप्यूटर सीखने के लिए मैने छह महीने का DCA कोर्स किया.
लेकिन आज के बच्चे देख देख के सीख जाते हैं…ढाई -तीन साल का हमारा पुचकू मोबाइल का स्क्रीन लॉक खोल लेता है..यूट्यूब पर क्लिक करके ABCD गाने वाली ट्रेन चला देता है.हालांकि अभी डेटा नही ऑन कर पाता.
पिछले दस बारह सालों में दुनिया इतनी तेजी से बदली है कि पूछिये मत.जिन लोगो ने अपने आपको समय के साथ अपडेट नही किया होगा वे न जाने कितना पीछे छूट गए होंगे.
ऐसे लोगो के पास ऑर्थोडॉक्स बनने के अलावा और कोई चारा नही….आप जब तक किसी से रास्ता पूछते है आपके बच्चे जीपीएस ऑन करके नेविगेशन चालू कर देते हैं. आप जब तक मार्किट जाने की बात करते हुए समय निकालते हैं ..आपके बच्चे अमेज़ॉन , फ्लिपकार्ट पर आर्डर कर चुके होते हैं.
समय बहुत तेज़ी से बदल रहा है….जितना आपने अस्सी सालों में सीखा है उतना नाइंटीज वाले बच्चे बीस तीस सालों में पहुच गए लेकिन 2000 के बाद वाली जेनरेशन कमाल की है….ये महज दस पन्द्रह सालों में ही हम पर भारी पड़ रहे हैं. विश्वास न हो तो उनके पास बैठिये कभी…क्रिकेट से लेकर इंटरनेशनल रिलेशन तक का वो ज्ञान उन्हें होता है जिसके बारे में उस उम्र में हमने सुना भी नही था. आप समस्याओ को अनुभव से हल करते हैं वे कैलकुलेट कर लेते हैं..और बहुआयामी हल निकाल लेते हैं. सोचिये 2010के बाद वाली जेनरेशन कितनी कमाल होगी.
जैव विकास में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने तीक्ष्ण उत्तप्रेरक का काम किया है.. अतः जैव विकास की दर बहुत तेज़ हो गयी है. इसका परिणाम क्या होगा इस बात का ठीक-ठीक अंदाज़ तो नहीं लगाया जा सकता, लेकिन आपके पास सर्वाइव करने के लिए कंपीट करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
सो …खुद को अपडेट रखिये….टेक्नोलॉजी के इस दौर में जैव विकास की इस दौड़ में अगर आप पीछे हो गए तो आपका सर्वाइवल कठिन हो जाएगा..ये बाद महान जैव वैज्ञानिक डार्विन पहले ही कह गए हैं…
अतः टिकता वही है जो बेस्ट है….बाकी सब वेस्टेज हैं. तो बेस्ट बनिये वेस्टेज नहीं.