मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता, माणक अग्रवाल का छिछोरा बयान आए हुए 24 घंटे से ज्यादा समय गुजर चुका हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, माणक जी के गुरूजी दिग्विजय सिंह, छोटे युवराज ज्योतिरादित्य सिंधिया, बड़े युवराज राहुल भैया… सभी इस मुद्दे पर चुप हैं.
कल माणक अग्रवाल ने इटारसी में बयान दिया था कि ‘प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हो रही हैं. और यह बलात्कार की घटनाएं इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि भाजपा और आर एस एस के लोग बलात्कार कर रहे हैं. वे इसलिए बलात्कार कर रहे हैं, क्योंकि वे अधिकतर अविवाहित रहते हैं.’
इस देश का, संघ और भाजपा का कट्टर दुश्मन भी, होश हवास में ऐसा बेतुका बयान नहीं दे सकता..!
माणक अग्रवाल पर कानूनी कार्यवाही तो होगी ही. वे अपने गुरु, दिग्विजय सिंह की तर्ज पर विवादों में बने रहना चाहते हैं.
30 जुलाई 2001 को उन पर हुए जानलेवा हमले का दोषी उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय को माना था.
11 नवम्बर, 2014 को होशंगाबाद के स्थानीय निकाय चुनाव के सन्दर्भ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें कार्यालय में घुसकर जबरदस्त पीटा था.
शायद माणक अग्रवाल यह सब भूल गए हैं..!
माणक अग्रवाल जिस कांग्रेसी संस्कृति में पले, बढे हैं, उसके चलते उन्हें मनुष्य जीवन के आदर्श, जीवन का पावित्र्य, सात्विक व्यवहार आदि बातों की जानकारी ही नहीं हैं. इस कांग्रेसी विचारधारा ने स्त्री को हमेशा ही ‘भोग वस्तु’ माना हैं.
सन 1983 के नागपुर के ‘युवा कांग्रेस’ के राष्ट्रीय अधिवेशन की याद हैं किसी को..?
इस अधिवेशन में कांग्रेसी गुंडों ने नागपुर की सड़कों पर ऐसा नंगा नाच किया था, कि नागपुर की वेश्याओं ने पुलिस से संरक्षण मांगा था…!
अधिवेशन के उन तीन दिनों तक नागपुर की सड़कों पर छह साल की बच्ची से लेकर अस्सी साल की वृद्धा का घूमना संभव नहीं था..!
दिल्ली के कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने नैना साहनी को दिल्ली के अशोका यात्री निवास के तंदूर में टुकड़े टुकड़े कर के जलाया था, यह भी शायद याद होगा आपको…
दूर क्यों जाएं..? अभी 26 जुलाई, 2013 को माणक अग्रवाल के गुरूजी, दिग्विजय सिंह ने मंदसौर में, सांसद मीनाक्षी नटराजन को लेकर कहा था, “मैं पुराना जौहरी हूँ. परखना जानता हूँ. ये तो सौ टका ‘टंच माल’ हैं.”
ये कांग्रेस की सभ्यता हैं. ये कांग्रेस की संस्कृति हैं. ये कांग्रेस की सोच हैं…!
मूलतः ब्रह्मचर्य अपने आप में ताकत हैं. वेद काल से हमारे समाज में ऋषि मुनियों का अपना पवित्र स्थान रहा हैं, जो ब्रह्मचारी रहे हैं.
ब्रह्मचारी हनुमान हमारे आदर्श हैं. जगद्गुरु शंकराचार्य, समर्थ रामदास, स्वामी विवेकानंद यह सब हमारे श्रद्धापुरुष हैं.
अपनी गंदी सोच के धनी माणक अग्रवाल ने इन सब का अपमान किया हैं. मात्र संघ की राष्ट्रभक्ति का ही अपमान नहीं किया, वरन पवित्र हिन्दू धर्म का भी अपमान किया हैं.
ऐसे भद्दी सोच रखने वाले माणक अग्रवाल का सामाजिक और व्यावसायिक बहिष्कार होना चाहिए..!