आप मानें ना मानें पर मोदी सबको रुला रहे हैं. मैं एकदम सच कह रहा हूँ. मैंने खुद कई लोगों को उनके नाम से रोते देखा है.
अरे विरोधियों का तो काम ही रोने का है, पर अब तो अपने घरवाले भी यानी राष्ट्रवादी, कट्टर हिन्दू और भाजपाई भी मोदी के नाम को रोते रहते हैं. खुद मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है.
पहले मेरे पास एक कार थी जो सोनिया गांधी सरकार में मरसीडीज़ बेंज़ हुआ करती थी लेकिन पता नही कैसे 2014 में मोदी सरकार आते ही वो रातों रात मारुति 800 बन गयी, by god ये मोदिया हम से हमाई मरसीडीज़ छीन लिया.
सोनिया सरकार में मेरा 1000 करोड़ का व्यापार था पर मोदिया के आते ही सब खत्म. यार सबसे बड़ा सबूत तो यही है कि दिनभर फेसबुक पर डले रहते हैं, कौनो काम धंधा होता तो क्या FB चलाते?
मोदी जी खुद आ कर मेरी फैक्ट्री, मेरा ऑफिस, मेरा व्यापार चुरा कर ले गए, फैक्ट्री के नीचे पहिये लगा कर खिसका कर गुजरात ले गए हमारे यहाँ की सभी फैक्ट्री.
पहले में parada की जीन्स, mont blanc का पेन, pringle की शर्ट, वसाचे के गॉगल्स, रोलेक्स की घड़ी पहना करता था. अब सब बन्द हो गया… हाय मोदी हाय हाय मोदी.
पहले बिजली पानी सब फ्री था, 24 घंटे बिजली आती थी, अरे इतनी ओवरफ्लो होती थी कि कई बार तो सॉकेट से निकल कर घर दुकान में फैल जाती थी. मोदी जी के आने से सब बन्द हो गया अब बिजली आती ही नही.
पिछली सरकार में अगर कोई समस्या होती थी तो एक फ़ोन लगाता था सोनिया जी को और पूरी सरकार मेरे दरवाज़े होती थी, कलेक्टर कमिश्नर मेरे पैरों में गिर पड़ते थे कि “सर हमाई नौकरी बचा लो, हम मर जायेंगे”.
खुद कलेक्टर कमिश्नर मेरे दरवाज़े सफाई करवाते थे, चोक गटर व नाली साफ करवाते थे. जब से मोदी आया है सब बन्द हो गया, अब तो बस ट्वीट करो और 24 घण्टे में समस्या का निराकरण हो जाता है, पर वो ऐश नहीं.
अरे कहाँ वो सरकारी ऑफिसों के धक्के खाना, और बाबू का “आज नही कल आना” कहना, कलेक्टर कमिश्नर से बात तो दूर की बात है गाड़ी में बैठे एक किलोमीटर दूर से ही दर्शन हो जाएं तो जिंदगी सफल हो जाती थी.
अब आज एक कंप्लेंट पर खुद कलेक्टर कमिश्नर के फ़ोन आने में वो बात नहीं जो तब थी. लाल बत्ती के घमंड में चूर अधिकारियों के जलवे देखते ही बनते थे, मोदी ने सब बन्द करवा दिया. पहले खाना खाने के लिए थाली लगाता था तो सरकार आ कर ऊपर से घी डाल देती थी, अब सब बन्द है, हाय हाय मोदी.
अब खुश??
दिन भर घर में रह कर अपने पति और घर को कोसने वाली औरतों की तरह पेश ना आएं, कि ताने भी मारेंगे और घर भी नही छोड़ेंगे. यानी हद मचा रखी है कुछ तथाकथित राष्ट्रवादियों ने.
अरे भाई सुधर जाइये, क्यों माहौल खराब करने में लगे हैं? क्यों बिना बात की नीरसता फैला रहे हैं. मने लिखना है, लाइक कमेंट चाहिए तो कुछ भी लिखेंगे क्या? भैया अच्छा लिखिए, पॉज़िटिव लिखिए, कमियाँ तो लोग चाँद में भी ढूंढ लेते हैं, खूबियां ढूंढिए.
मैं सभी राष्ट्रवादियों से अपील करता हूँ कि कृपया अपने आपसी मतभेद भुला कर देश के लिए एकजुट हो कर काम करें. कुछ लोगों को गुस्से में अमित्र कर दिया था आज उन्हें पुनः फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर मैंने तो प्रायश्चित कर लिया, और आपने?
यदि कोई मित्र किसी भी कारण से पूर्व में मुझ से अलग हो गए हों या उन्होंने मुझे अनफ़्रेंड किया हो तो कृपया मैसेज बॉक्स में बताने का कष्ट करें ताकि उन्हें अपनी तरफ से पहल कर जोड़ सकूँ.
ये समय सभी मतभेद भुला कर एक साथ काम करने का है, और हाँ अपनी ईगो पिछले हफ्ते ही कबाड़ी को बेचने का भरसक प्रयास किया, तो उसने कहा 2 कौड़ी की भी नहीं है इसे आप कचरे में फेंक दीजिये.