आज जम्मू रीजन के अख़बारों के मुखपृष्ठ पर पहली खबर ये है कि आसिफा के साथ रेप हुआ ही नही था. उसकी हत्या की गई.
हत्या कहीं और की गई और शव जंगलों में ला के फेंक दिया गया.
स्थानीय पुलिस एकदम सही जांच कर रही थी.
महबूबा मुफ्ती ने 20 दिन के अंदर 3 बार SIT बनाई. उसमें एक दागी अफसर को लगाया जिस से मनपसंद रिपोर्ट लगवा के हिन्दू समुदाय के लोगों को झूठा फंसाया गया.
एक हिन्दू धर्म स्थान देवी स्थानम को घटना स्थल दिखा के पूरे हिन्दू समुदाय को बदनाम किया गया.
पूरे देश के वामी, कौमी, कामी, कांगी, लिबरल्स एक हो गए और हिन्दू प्रतीकों, हिन्दू देवी देवताओं को निशाने पर लेते हुए, पूरे देश मे हिंदुओं के खिलाफ प्रदर्शन हुए.
आसिफा के लिए न्याय मांगते हुए फ़र्ज़ी लिबरल्स सीधे सीधे हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि भारत देश के खिलाफ ही मोर्चा खोल के बैठ गए.
आसिफा के लिए न्याय मांगते मांगते लंदन में भारत का झंडा ही फाड़ दिया गया.
अब सच सामने आया है कि आसिफा का दो बार पोस्टमार्टम कराया गया और दोनो ही बार उसके साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई.
उसके कपड़ों से और शरीर से किसी किस्म के वीर्य के दाग नहीं पाए गए. इसी प्रकार उसके Vaginal Swab से भी बलात्कार होने का कोई सबूत नहीं मिला है. जबकि SIT की चार्जशीट कहती है कि उसके साथ 4 दिन तक लगातार गैंगरेप हुआ.
सवाल ये है कि वो कौन लोग थे जिन्होंने 3 महीने पुरानी इस घटना को हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया?
मीडिया ने बिना सोचे, समझे, जांचे एक फ़र्ज़ी नैरेटिव तैयार किया…
कांग्रेसियों और कम्युनिस्ट गिरोह ने अरबी मुल्लों के साथ मिल के हिन्दू प्रतीकों शिव लिंग और त्रिशूल और हिन्दू देवी देवताओं को निशाना बनाते हुए कार्टून बनाये/ छापे… अंजना ओम कश्यप ने मंदिर/ देवीस्थानम के तहखाने में रेप हुआ बता दिया?
और जब हमने इस पूरे कुत्सित अभियान के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाया तो आज हमारी ही फेसबुक ID उड़ा दी गयी!
Blocked for 30 days!!! मुख्य ID 30 दिन को ब्लॉक है. जुकरबर्ग कहता है कि तुम अश्लील कार्टून पोस्ट करते हो!