कर्नल पुरोहित, प्रज्ञा ठाकुर, असीमानंद तो खैर बरी हुए कांग्रेसी षडयंत्र से…
हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा काम अमर बलिदानी तुकाराम ओम्बले कर गए…
जान देकर अजमल कसाब को ज़िंदा पकड़ लिया…
वरना पूरी स्क्रिप्ट तैयार थी…
सारे आतंकी कलावा पहने थे, तिलक लगाए थे, ज़िंदा किसी को बचना नहीं था…
सबकी पहचान हिन्दू आतंकी के रूप में करा देना था…
किताबें, लेख तैयार थे…
पूरी बेशर्मी के साथ 26/11 पर एक किताब, हमले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साज़िश बताते हुए, हिन्दू आतंकवादी कहते हुए छपा के विमोचन भी कराया गया…
दिग्विजय सिंह, कई मौलवी और कांग्रेस के नेता मौजूद थे विमोचन पर…
कसाब की फ़ोटो ली जा चुकी थी कलावा पहने, तिलक लगाए VT स्टेशन पर… वो चलती सालों साल…
पाकिस्तानी चैनल क्लेम करने में लगे थे, इसको हिन्दू आतंकी बता रहे थे…
दूसरा इतिहास बनाया और बचाया वकील उज्ज्वल निकम ने, जिन्होंने पाकिस्तान तक जाकर कसाब के बारे में सबूत इकट्ठे किए…
तीसरे भला हो अमेरिकन खुफिया विभाग द्वारा सैटेलाईट सिग्नल इंटरसेप्ट का, जिसने बताया कि इनके हैंडलर पाकिस्तान में बैठे हैं…
तो बलिदानी तुकाराम ओम्बले, वकील उज्ज्वल निकम और अमेरिका का सैटेलाईट सिग्नल इंटरसेप्ट काम आया वरना इन कांग्रेसियों और इनके दलाल कम्युनिस्टों ने हिन्दू लोगों को विश्व में बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी… आने वाले इतिहास में ये भी याद रखा जाएगा…