भारत और हिन्दुओं के प्रति घृणा फैलाने के लिए हो रहा आसिफा की मौत का विज्ञापन

आज से करीब तीन वर्ष पहले भारत समेत विश्व भर में, टर्की के समुद्र तट पर एक बच्चे की औंधी लाश की फोटो चली थी.

भारत में मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर, उस शरणार्थी बच्चे को लेकर एक से एक ज्ञानियों ने आलेख लिखा था.

इनके साथ, उनसे ज्यादा उन लोगों ने लिखा था जिनके ह्रदय कोमलांगी थे और मानवीय धरातल पर मानवता की भावुकता से दबे हुये थे.

इन सब लोगों ने मानवीय त्रासदी की पृष्ठभूमि में सिर्फ एक बच्चे की लाश को देख कर ही लिखा है.

भारत में तो रोहंगिया मुसलमानों और बंगलादेशी घुसपैठियों को वैधता प्रदान कराने का प्रयास करने वाले राष्ट्रद्रोहियों ने सर्वोच्च न्यायालय की संलिप्तता में, सीरिया के बच्चे की लाश को अपना नैतिक प्रतीक बना लिया था लेकिन उन कोमल हृदयों को क्या पता चला कि उनके आँसुओं ने भारत के लिये क्या खोया और क्या पाया?

भावना व मानवता के बोझ से दबे इन मूर्खो को यह पता ही नहीं चला कि वे कब राष्ट्रविरोधी शक्तियों के लिये भीड़ बन गये और उन्होंने राष्ट्र को तोड़ने के कथानक पर अपने हस्ताक्षर कर दिये हैं.

आज हम जानते है कि इस एक बच्चे की लाश की फोटो ने योरप को तबाही की तरफ धकेल दिया है. ऐसा क्या खास था इस बच्चे की लाश में जो विश्व में छा गया था? आखिर वह एक लाश ही तो थी?

शताब्दियों से इस तरह की मौत होती रही है और आगे भी होती रहेगी लेकिन यह मौत नहीं थी बल्कि एक उत्पाद (विचारधारा) को बेचने वाला मॉडल था. यह योरप में अरब के मुसलमानों की भीड़ के घुसने का विरोध करने वालो को परास्त करने की मुहिम थी.

इस प्रयास को सफल बनाने के लिये, कट्टर इस्लामियों और वामपंथियों के गठजोड़ ने इस बच्चे की लाश को विज्ञापन बनाया ताकि योरप के कोमल हृदयों की भावनाओं व मानवतावाद के अग्रणी होने के दम्भ को छुआ जाए और अपने पक्ष की भीड़ बनाया जा सके.

उनका यह प्रयोग सफल रहा था. योरप के सामर्थ राष्ट्रों ने मूर्ख बन कर, ऐसे लोगों को अपने अन्दर आने दिया जिनका मतलब केवल अपने धर्म से होता है, जहां राष्ट्र के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं होती है.

यही खेल आसिफा की फोटो कर रही है. यहां भी यह कट्टर इस्लाम और वामपंथियों के गठजोड़ का विज्ञापन है.

तीन साल पहले अरब के मुसलमानों को योरप में घुसाना इनका लक्ष्य था और आज, हिन्दुओं के विरुद्ध घृणा और वैश्विक स्तर पर हिंदुत्व को कलंकित कर, बीजेपी की सरकार को लांछित करना है.

लेकिन सिर्फ यही लक्ष्य नहीं है. इस लक्ष्य के पीछे वामपंथियों का भारत के टुकड़े करवाने का दीर्घकालीन लक्ष्य है तो कांग्रेसियों का राजनैतिक लाभ के लिये, हिन्दुओं को ही टुकड़े टुकड़े में बांटने का लक्ष्य है लेकिन सबसे भयावह लक्ष्य इस्लामिक शक्तियों का है जो कश्मीर की घाटी से हिंदुओं से खाली कराने के बाद, जम्मू से भी पलायन कराने के षड्यंत्र पर काम शुरू कर रहे है.

मेरे लिये ऐसी मौतें हादसा होती हैं और वह मौत, सिर्फ मौत होती है. मैंने इस आसिफा की मौत पर दिल से अफसोस जाहिर किया था लेकिन अब इस रस्म अदायगी के बाद, वह मुझे अब सिर्फ एक विज्ञापन नज़र आ रही है, जो भारत और हिन्दुओं के प्रति घृणा फैलाने का काम कर रही है.

इसीलिये मुझे आज इन भावनाओ में बहने वाले, मानवतावादी कोमल हृदयों से सख्त नफरत हो रही है. यह जो जस्टिस फ़ॉर आसिफा के नाम पर आंसू बहा रहे हैं, वे दरअसल इस्लामिक वामपंथी गठजोड़ की भीड़ बन रहे हैं.

किस बात की मानवता और कैसी भावनात्मकता?

यह भावनाएं कहां छुप जाती हैं जब सासाराम में एक बच्ची के साथ हादसा होता है? यह भावनाएं तब क्यों आंख बंद कर लेती हैं जब किसी हिन्दू का बलात्कार मुसलमान करता है?

इसी भारत में, इसी कश्मीर में 80 के दशक के बाद कितनी ही 8 वर्ष की बच्चियों और उनकी माँ, बहनों का मुसलमानों द्वारा बलात्कार हुआ और मार डाला गया था, तब इन कोमल हृदयों की भावनाओं और मानवतावाद ने कुछ उनसे लिखवाया था? कोई कैंडल मार्च निकलवाया था? टीवी पर बैठ कर कुछ कहा था?

यह सब बकवास है. आसिफा के बलात्कार और हत्या की फ़र्ज़ी चलाई खबरों की तरह यह लोग भी फर्जी है, जो सिर्फ मुँह देखी लिखने के लिए लिख रहे हैं. मैं अब इस मौत पर कोई मातम नही मनाऊंगा क्योंकि आसिफा की लाश को विज्ञापन के रूप में बेचने वालों ने ही उसको मॉडलिंग के लिये, लाश बनाया है और वही उसके असली हत्यारे हैं.

आज मुझे मानवता से उतना ही मतलब है, जितना हमें अरबों, सेंट्रल एशिया से आये आताताइयों, कट्टर मुल्लाओं और ईसा का क्रॉस लिये, वेटिकन के पादरियों ने पिछले 1400 वर्षों में हिन्दुओं पर हत्या, बलात्कार, लूटपाट और जबरिया धर्मांतरण कराके मानवता दिखाई है.

मुझे लोगों से मानवता की शिक्षा नहीं चाहिये और न मुझे आप दीजियेगा, मुझको आसिफा की मौत पर अब कोई अफ़सोस नहीं है क्योंकि वह एक हादसे से मेरे राष्ट्र और मेरे धर्म को कलंकित किये जाने के विज्ञापन की मॉडल बन गयी है.

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