आप ही उनका चारा हैं और आप ही शिकार

आज तीन तस्वीरें घूम रही हैं जिसमें एक हवाई अड्डे पर तीन जगहों पर तीन लोग खड़े होकर भारत व हिन्दू विरोधी लाइन लिखा T Shirt पहन कर खड़े हैं…

लग रहा है कि ये तीनों यात्री हैं… प्रचारित करने के लिए कि भारत बदनाम हो रहा है… इसका सारे राष्ट्रवादी और हिंदू समाज पर असर पड़ रहा है, और वो गुस्से में हैं या क्षोभ में हैं…

लेकिन ठहरिए… गुस्साने, शर्माने या क्षोभ मनाने से पहले कुछ सच जान लीजिए…

1. क्या ये यात्री हैं?

जी नहीं, ये यात्री नहीं वहाबियों द्वारा फण्ड पाए भारतीय कम्युनिस्टों के एजेंट हैं… ये तस्वीर Turkey के इस्तानबुल हवाई अड्डे की हैं…

सबको मालूम है कि हवाई अड्डे में घुसने से पहले सिक्योरिटी चेक होता है… लेकिन अधिकतर लोगों को नहीं मालूम कि इस्तानबुल, पेरिस, फ्रैंकफर्ट, म्युनिक, कोपेनहेगेन आदि हवाई अड्डों पर कोई भी अंदर घुस सकता है…

वहां सिक्योरिटी चेक बोर्डिंग पास लेने के बाद होती है… मतलब कोई भी हवाई अड्डे में अंदर घुस सकता है…

तो जनाब ये यात्री नहीं कम्युनिस्टों ने एजेंट हैं… और उन्होंने वहां खड़े होकर फोटो खिंचवा के सोशल मीडिया पर आपको पकड़ा दी और आप उसको वायरल कर रहे हैं…

खुद ही वायरल करके खुद ही आप गुस्सा हो, भारत की छवि पर धक्का लगने से दुखी हो और अपना मनोबल गिराए हुए हो…

2. इन्होंने इस्तानबुल ही क्यों चुना?

इस्तानबुल Turkish Airlines का मुख्यालय है, यह पूरे यूरोप, Scandinavian Countries और Baltic Countries से भारत आने जाने वाले यात्रियों का बहुत बड़ा जंक्शन है… Europe, Scandinavia और Baltic देशों के लिए भारत से सबसे सस्ती सेवा मिलती है इस एयरलाइन से…

उदाहरण के लिए आपको इस तरह के कनेक्शन मिलते हैं… दिल्ली – इस्तानबुल – मेनचेस्टर… दिल्ली – इस्तानबुल – मार्सेल… दिल्ली – इस्तानबुल – स्टॉकहॉम आदि और उसी तरह वापसी…

तो आप समझ सकते हैं वहां भीड़ की स्थिति… इन देशों से काफी यात्री जो भारत आते जाते हैं जिसमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, कल्चरल प्रोग्राम, मथुरा – वृन्दावन या बनारस… बौद्ध यात्री, या फिर पर्यटन के लिए यात्री बड़ी संख्या में आते हैं…

तो इन लोगों के लिए ये यात्री ही टारगेट हैं जो कि इनको पढ़े और डरें… 50 – 100 ने भी नज़र डाल ली तो इनका काम हो गया…

बाकी सोशल मीडिया पर प्रोपगैंडा कि भारत बदनाम हो रहा है वो तो फैलेगा ही… राष्ट्रवादी और आम सुधारवादी भी झट से लपक के फोटो वायरल करेंगे ही और जिसमें से अधिकतर दुखी होंगे भारत की बदनामी से…

ये भारत की मौजूदा विदेश नीति पर और प्रधानमंत्री के इंग्लैण्ड दौरे पर भी वैचारिक हमला है… अब तो उनका काम सोशल मीडिया पर भी आसान हो गया… क्योंकि आप दुखी लोग जो हैं ही…

आपको पता ही नहीं कि वे लड़ाई कहाँ कहाँ और कैसे कैसे लड़ रहे हैं… आप जितना सोचते हो उससे आगे बढ़ के वो प्लान बनाते हैं… उसको execute करते हैं और आपकी अधीरता कि बिना जाने समझे चिल्लाने, दुखी हो जाने, मोदी का सीना नापने, दुःख – खेद – शर्म प्रकट करने की कला, नैतिकता का राग अलापने की आदत… सबको वो समझते हैं…

आप ही उनका चारा हैं और आप ही शिकार… अलापते रहिए नैतिकता… रोते रहिए राम मन्दिर के नाम पर… क्योंकि आपको मालूम ही नहीं कि इनसे लड़ के इनको समाप्त करके या कमज़ोर करके इनके तर्क भोथरा कर देंगे तो हर काम होगा…

लेकिन आपका तरीका कि आपको पानी में आए बुलबुले की तरह उबाल खाके झट से बेदम हो जाना… और जब कोई कहे, तर्क दे तो आप ही उनके गढ़े शब्द भक्त, अंध भक्त, मोदी का चमचा आदि हमारे ऊपर जड़ के मज़ा लोगे…

और आखिर में आपका तर्क होता है कि सरकार क्या कर रही है… ये बुरके के पीछे छिपने का तर्क है… आपके इस तर्क का भी वो खूब मज़ा लेते और फायदा उठाते हैं…

वैचारिक लड़ाई जो जीता वो ही अंतिम युद्ध जीतता है… यही सत्य है… और वैचारिक लड़ाई में राष्ट्रवादी तबका मीलों पीछे है क्योंकि उनके एजेण्डा को लपक के उड़ने की कला अपने पास ज़बरदस्त है …

वैसे ये फोटो भी फोटोशॉप की हुई निकली है…

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