पिछले 2 वर्षों से लोगों को ईमेल भेजा जा रहा है कि आपका डाटा आधार से लीक हो गया है.
लोगों ने मेल पढ़ा और उससे व्हाट्सएप मैसेज बनाए, फेसबुक पर पोस्ट बनाए और अपना डाटा लीक होने का हल्ला मचाने बैठ गए.
पिछले दिनों कुछ विशेषज्ञों के साथ मिल कर हम लोग स्टडी कर रहे थे… इस डाटा चोरी या लीक का मेल भेजने वाले कुछ domains और खबर फैलाने वाले पोर्टल की छानबीन की गई…
जैसे कि एक मेल आईडी है newsletter@teckmartfocus.com. ये डोमेन 18 अगस्त 2017 से मात्र 19 दिन एक्टिव रहा, बीसवें दिन ये डोमेन ही सर्वर से गायब कर दिया गया.
फिर अचानक 20 फरवरी 2018 से फिर एक्टिव है और ये मेल भेज रहा है और सिर्फ आधार वाले… इसने अपने पहले 19 दिन के जीवनकाल में लगभग 47 करोड़ लोगों को आधार डाटा लीक होने का खबर बना के मेल भेजी.
एक है update@offer4uhub.com जो कि लगभग एक वर्ष से सक्रिय है और सबको मेल भेजता है ‘your account is hacked – click here to verify’… ‘Your Aadhar data is hacked – click to verify’… ‘Someone has Your Password! Please Verify your account Hacked’… वगैरह वगैरह…
इसी तरह कई खबरी पोर्टल है जिनका डिटेल अभी पकड़ना बाकी है… क्योंकि ये hit & run खेल रहे हैं… ये पोर्टल खबर डालते हैं और सबकी फेसबुक वॉल पर आ जाता है…
फिर एक निश्चित समय (अधिकतम 2, 3 या 4 घण्टे) के बाद वो पोर्टल सर्वर से बंद कर दिया जाता है. जितने लोगों ने वो खबर पढ़ी वो कंटेंट दिमाग में घुसा लेते हैं…
अगर आप उनसे वो लिंक मांगिए तो खोज नहीं पाएंगे… और न ही उस पोर्टल का नाम याद आएगा… सोचिए कि क्या आपके साथ ऐसा हुआ है…
अब जो इसको पकड़ने में लगे हैं, वो इसको इन 2, 3 – 4 घण्टे में देख के पकड़ पाए तो ठीक, वरना इंतज़ार करें अगली ओपनिंग का…
लेकिन इस 2, 3 – 4 घण्टे में ये पोर्टल अपना काम कर चुका होता है… क्योकि इसको पढ़कर लोग अपनी धारणाएँ, फेसबुक पोस्ट या व्हाट्सएप मैसेज बना के शूट कर चुके होते है..
इस तरह से पिछले 2 माह में 10 ऐसे मेल ID का कांटेक्ट और काम करने का तरीका ट्रेस किया गया तो पता लगा है कि ये लोग 1 वर्ष से सिर्फ भारत में आधार से सम्बंधित खबर भेजते थे और अचानक आधार डाटा लीक हो जाने का मेल भेजते थे…
अब चूँकि आधार गाँव देहात के लोगों के पास भी है लेकिन मेल ID नहीं है, मोबाइल है… तो इनके पास SMS भेजा जाता है कि आधार डाटा लीक हुआ है… वो पढ़ कर लोग डर ही जाते हैं और अपनी राय बनाते हैं…
शहरी लोग बड़े डाटा हैं तो उनको मेल किया जाता है और एक हैकर को आगे करके आधार का डाटा उड़ा लेने का दावा कराया जाता है… इस दावे को हमारे खबरची बिरादरी के लोग ले उड़ते हैं…
समाज में हैकर का क्लेम मज़बूत माना जाता है और Infosys के क्लेम पर मज़ाक उड़ाया जाता है क्योंकि ह्यूमन साइकोलॉजी है कि गलत को लोग जल्द समझते हैं सही के मुकाबले…
500 रुपये में बिक कर कुछ भी करने को तैयार सरकारी मुलाज़िम, डकैतों और आतंकियों का पासपोर्ट बना देने और अपग्रेड कर देने वाले देश में आपका डाटा सुरक्षित है ये सोचना ही बेवकूफी है…
ये जान लीजिए कि पहले IMEI नंबर से आपका डाटा बिकता था, PAN number से बिकता था. उदाहरण के लिए आप डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी देकर SIM लेते थे और उसी फोटोकॉपी से कई अन्य लोग बिना आपके जाने आपके नाम की SIM लेकर चलते थे…
तब आप ज्यादा असुरक्षित थे… आधार से कम से कम आपको मालूम है कि आपके नाम के कितने SIM इशू है… आप सुरक्षित ही है तब तक जब तक कि आप किसी ऐसे मेल या SMS के झाँसे में फंसकर अपना डाटा खुद ही उधर नहीं उड़ेल देते…
मेल ट्रेंड, domain के चलने और बंद होने की प्रक्रिया, उस पर ट्रैफिक के आधार पर ये कह सकता हूँ कि खेल तो कोई बड़ा खेल ही रहा है… कौन खेल रहा है नहीं मालूम… हो सकता है कि खुफ़िया एजेंसी लगी हों पता लगाने में…
हो सकता है कि सिर्फ भ्रम की स्थिति फैलाने के लिए कुछ लोगों को ठेका दिया गया हो… हो सकता है कि ये खेल खेलने वाला ग्रुप कुछ बड़ा प्लान कर रहा हो…
वैसे भी आज Google, Facebook, WhatsApp के ज़माने में अगर आप अपने डाटा खोने का डर ‘आधार’ को मान रहे हैं तो आप बेवक़ूफ़ है… और लगे हाथ ये भी मान लीजिए कि आप एक डाटा के अलावा कुछ भी नहीं…
जो खेल खेल रहा है उसके लिए आप डाटा हैं बस… आप जिएं, मारें, खाएँ, भूखे या नंगे रहें उससे उनको कोई मतलब नहीं… डाटा भी क्या खाता पीता या कपड़े पहनता है???