दो अप्रैल को देश के कुछ हिस्सों में जो हुआ, वह पूर्णतः गलत था, निंदनीय था, तिरस्करणीय था, देश में अराजकता फैलाने वाला था.
एक अत्यंत सोची समझी साज़िश के तहत देश में इस प्रकार के हिंसक वातावरण का निर्माण किया जा रहा है. देश विघातक ताकतें इकठ्ठा आई हैं.
ये भी समझने वाली बात है कि सारी घटनाएं भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों में ही हुई हैं..!
इस आन्दोलन की अगुवाई करने वाली ‘भीम सेना’ है. इसके सूत्रधार चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ इसके पहले भी अनेक दंगों को अंजाम दे चुके हैं.
सहारनपुर में दंगे भड़काने के आरोप में उन्हें पिछले वर्ष 8 जून को हिमाचल पुलिस ने डलहौजी में गिरफ्तार किया था. तब से वे जेल में बंद हैं. लेकिन उनकी अनुपस्थिति में भीम सेना और ‘भारत एकता मिशन’ के माध्यम से सभी राष्ट्र विघातक शक्तियों को इकठ्ठा किया जा रहा है.
यह एक गहरी साज़िश है, जिसमें साम्यवादी, नक्सली, चर्च, कांग्रेस आदि सभी शक्तियां शामिल हैं. भीम सेना अपने फेसबुक पेज से ज्योतिरादित्य सिंधिया का वीडियो दिखाकर तारीफ करती है, यह किस दिशा की ओर इंगित करता हैं..?
दो अप्रैल के बंद के दौरान कुछ स्थानों पर बजरंगबली जी के चित्र का अपमान वाले वीडियो, योजना के तहत फैलाए जा रहे हैं.
ग्वालियर में इस आन्दोलन की आड़ में कुछ विरोधी गुंडों ने विद्यार्थी परिषद् के सक्रिय कार्यकर्ता राहुल पाठक को, जो अपने बालकनी में खड़ा था, गोली से उड़ा दिया.
अगले कुछ दिनों में दलित और सवर्णों के बीच खूनी संघर्ष हो, इसकी पुरजोर कोशिश हो रही है.
और दुर्भाग्य से इन राष्ट्र विरोधी ताकतों की यह कोशिश कुछ हद तक सफल होती दिख रही है.
भिंड में दलित और बजरंग दल के बीच संघर्ष हुआ. यही किस्सा बाड़मेर में दोहराया गया. सोशल मीडिया पर सवर्ण समूहों में दलित विरोधी पोस्ट्स डाले गए.
मानो देश दो धाराओं में बंट रहा हैं, ऐसा चित्र बनाने के भी प्रयास हुए. यही तो वह ट्रैप हैं, जो इन अराजकता फैलाने वाले तत्वों ने डाला है, जिसमे दुर्भाग्य से राष्ट्रीय विचार के लोग फंस रहे हैं.
इस भीम सेना के पीछे, या एकता मिशन के पीछे, या प्रकाश आंबेडकर के पीछे या मायावती के पीछे दलित नहीं हैं. हम उन्हें, दलित विरोधी, या आरक्षण विरोधी पोस्ट्स डालकर इन शक्तियों के पाले में ना धकेलें.
इन गुंडों को रास्ते पर नग्न नृत्य करने दें. प्रतिकार कदापि न करें. प्रशासन को अपना काम करने दें. इन ताकतों का काम ही उकसाने का है. हम उनके जाल में ना फंसें.
अगला एक सप्ताह महत्व का है. पूरा ज़ोर लगेगा इस हफ्ते, हिन्दुओं को दो पाले में बांटने का. उनके हिसाब से तवा गरम है, जातिगत राजनीति की रोटियां सेंकी जायेगी. लेकिन हमको तो देश हित में संयम रखना है…!