किसी घटिया फिल्म का डायलॉग है शायद… ‘किसी से सच्चा प्यार type हो तो सारी कायनात दो प्रेमियों को मिलाने में जुट जाती है’… कुछ इस type का.
अभी पिछले दिनों यूपी में योगी सरकार ने यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं करवाई… अपनी तरफ से सरकार ने और विभिन्न जिलों ने बहुत सख्ती करने की कोशिश की…
मेरा भतीजा भी दे रहा था परीक्षा… बता रहा था कि नकल रोकने के विभिन्न उपाय किये हैं सरकार ने… CCTV कैमरा लगाए गए हैं परीक्षा केंद्रों में… उड़नदस्ता ताबड़ तोड़ छापे मार रहा है.
पर जैसे ही मौका मिलता है, पूरा स्कूल, एक-एक टीचर नकल करवाने में जुट जाता है. कैमरा के बच बचा के टीचर उत्तर बोल-बोल के लिखवा देते हैं.
फिर ऐसी भी खबरें आने लगी कि उड़नदस्ता वाले हर सेंटर से हर दौरे के 10-20 हज़ार वसूलने लगे.
समाज का एक-एक छात्र और ज़्यादातर अभिभावक नकल करने-करवाने के लिए छटपटा रहे… सारी कायनात नकल मारने में जुटी हो तो अकेले मोदी क्या करेंगे?
सारी कायनात अपने लड़के के लिए मोटा दहेज लेने को लालायित हो तो अकेले नीतीश कुमार क्या करेंगे?
जिस चीज़ का पोषण पूरा समाज कर रहा है क्या उसे सिर्फ एक कानून बना के रोका जा सकता है? समाज जिस काम को गलत मानता ही नहीं क्या उसे कानून बना के रोका जा सकता है?
सारी कायनात नकल मारने में जुटी है… CBSE के हज़ारों लाखो स्कूल होंगे देश दुनिया में. हालांकि बोर्ड ने एक foolproof system बनाया है, पर उसको लागू तो किसी आदमी ने ही करना है न?
हज़ारों लाखों सेंटर्स में से किसी भी एक सेंटर में कुछ व्यक्तियों का एक समूह अगर भ्रष्ट निकल जाए तो सारी व्यवस्था, सारे तंत्र की फूँक निकाल सकता है.
कुछ लोगो ने CBSE के सिस्टम की फूँक निकाल दी पेपर लीक करके… और वो पेपर लीक करने वाले हम हिंदुस्तानी ही थे, कोई जापान से नहीं आये थे.
पिछले दिनों मेरे एक मित्र आये हुए थे जर्मनी से. वो बता रहे थे कि जर्मन समाज में इस तरह नकल मारने की कोई छात्र या अभिभावक सोच भी नहीं सकता.
हमारे देश मे ये चारित्रिक पतन जो हुआ है पिछले कुछ सौ सालों में, उसे ठीक करने की ज़रूरत है. अकेले मोदी, योगी या खट्टर क्या करेंगे?
देश को character building याने चरित्र निर्माण की ज़रूरत है.