दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के मध्य खेले जा रहे क्रिकेट टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैमरून बैनक्रॉफ्ट गेंद के साथ छेड़छाड़ करते हुए पकड़े गए.
साथ ही साथ गेंद से छेड़छाड़ की साज़िश में कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर की भी सहमति और भागीदारी उजागर हुई.
इन तीनों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काऊन्सिल (ICC) या ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड कोई फैसला करता उससे काफी पहले, घटनाक्रम उजागर होने के कुछ घण्टों के भीतर ही, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने कठोर फैसला कर दिया.
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड से स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को केपटाउन में चल रहे टेस्ट मैच के बीच में ही उनके पदों से हटाने का आदेश दे डाला.
मैल्कम टर्नबुल ने तीनों ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की करतूत पर ट्विटर पर ट्वीट कर खेद भी प्रकट किया. मैल्कम टर्नबुल का कहना है कि क्रिकेट के खेल के साथ ही साथ तीनों खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठा को भी आघात पहुंचाया है.
यह पूरा घटनाक्रम देख सुनकर मुझे मनमोहन सिंह की याद आ गयी.
सन 2000 में देश के मान सम्मान स्वाभिमान का सौदा सट्टेबाजों के हाथ करने के कुकर्म में बाकायदा CBI द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (ICC) द्वारा आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था.
अज़हरुद्दीन को कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली थी. लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अज़हरुद्दीन को यूपी के मुरादाबाद से कांग्रेस का टिकट दे अपना प्रत्याशी बनाकर सम्मानित किया था और संसद का सम्मानित सदस्य बनवा दिया था.
जब यह सब कांग्रेसी तमाशा हो रहा था उस समय देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही थे.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के आज के फैसले को देख सुनकर काँग्रेसी नेता मनमोहन सिंह को पता नहीं शर्म आयी कि नहीं?
यहां यह उल्लेख कर दूं कि पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली और हरभजन सिंह ने खुलकर कहा है कि गेंद के साथ छेड़छाड़ के अपराध से सैकड़ों गुना अधिक संगीन और गम्भीर अपराध सट्टेबाजों के साथ मैच फिक्सिंग करना है.
विशेष
ज़रा न्यूज़ चैनलों की निर्लज्जता भी देखिए कि स्टीव स्मिथ समेत तीनों ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को क्या सज़ा दी जानी चाहिए इसका फैसला/ प्रपंच करने के लिए न्यूज़ चैनल ‘आजतक’ अज़हरुद्दीन को अपना जज/ मेहमान बनाकर उससे यह फैसला करवा रहा था, पूछ रहा था कि तीनों आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को क्या सज़ा दी जानी चाहिए?