बोस्निआ-हर्ज़ेगोविना की राजधानी सरायेवो में दिन भर मीटिंग के बाद रात का डिनर था. एकाएक विचार आया कि क्या डिनर मोस्तार में कर सकते हैं? सहयोगियों ने बतलाया कि 2 घंटे की यात्रा के बाद 7:30 बजे मोस्तार पहुंच जाएंगे, शहर डेढ़ घंटा घूमेंगे, फिर डेढ़ घंटा डिनर और रात 12:30 बजे तक वापस आ जाएंगे. अगले दिन सुबह फ्लाइट थी.
सरायेवो से 120 किलोमीटर दूर स्थित मोस्तार सोलहवीं सदी में बने ओटोमन साम्राज्य के समय बने पुल के कारण विश्व में प्रसिद्ध है. लेकिन मैं मोस्तार को इस पुल के कारण नहीं देखना चाहता था. मै मोस्तार की आत्मा की व्यथा को महसूस करना चाहता था, जो इस पुल की बेबस, मौन सिसकी में कैद है.
पुल के एक तरफ बोस्नियाक (मुस्लिम) रहते हैं तो दूसरी तरफ क्रोएट्स (कैथोलिक ईसाई). दोनों कभी नहीं मिलते. यहां तक कि उनके बच्चे वयस्क हो जाते हैं लेकिन तब भी उस पुल को पार नहीं करते.
दोनों संप्रदाय के स्कूल अलग हैं, बाजार अलग हैं, स्वास्थ्य सुविधाएं अलग हैं. अगर दुर्घटना में कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो इमरजेंसी मदद के लिए व्यवस्था भी अलग. इमरजेंसी नंबर पर कॉल करने के बाद यह पूछा जाता है कि वह व्यक्ति किस संप्रदाय का है और फिर उसी संप्रदाय की एंबुलेंस उस व्यक्ति की देखभाल के लिए भेजी जाती है.

पुराने शहर के ठीक बाहर एक ही सड़क पर एक तरफ बोस्नियाक रहते हैं तो दूसरी तरफ क्रोएट्स. दोनों के घर के पते अलग हैं यानी कि वह अलग सड़क का नाम लिखते हैं और घर के नंबरों में कोई तारतम्य नहीं.
और तो और पिछले 10 वर्षों में वहां के मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है क्योंकि दोनों समुदाय इस बात पर सहमत नहीं है कि वोट डालने की क्या व्यवस्था होनी चाहिए. क्या एक व्यक्ति को एक वोट मिलना चाहिए या हर समुदाय अपने मेयर का चुनाव करें.
अगर एक व्यक्ति को एक वोट डालने का अधिकार दे तो क्रोएट्स बहुसंख्या में होने के कारण अपना मेयर बना लेंगे. इस समय वहां का मेयर पिछले 12 वर्षों से पद पर है और वह पद छोड़ना चाहता है क्योंकि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. लेकिन समस्या यह है कि अगर वह पद छोड़ दें तो उस शहर का ना तो कोई मेयर रहेगा और ना ही वहां के प्रशासन की कोई व्यवस्था चला पाएगा.
क्योंकि इस शहर की अर्थव्यवस्था पर्यटन से मिलने वाली आय पर आधारित है तो पुल के दोनों तरफ रेस्तरां और गिफ्ट शॉप की भरमार है. दोनों ही तरफ अल्कोहल और हर तरह का भोजन मिलता है.