कहीं आप ब्रॉयलर चिकन तो नहीं!

आप शाकाहारी हैं या मांसाहारी, अगर आप एक हिन्दू हैं तो यह लेख पढ़ना आप की सेहत तथा आयु के लिए फायदे में रहेगा.

ब्रॉयलर चिकन क्या होता है आप को पता हैं?

ब्रॉयलर चिकन वो चिकन होता है जिसे केवल मांस के लिए बड़ा किया जाता है.

पोल्ट्री फार्म में जब अण्डों से चूज़े निकलते हैं तब उनमें से एक हिस्सा मादा चूज़े, लेयर और एक हिस्सा ब्रीडर की ज़िंदगी जीने के लिए चुने जाते हैं और मांग के अनुपात में एक हिस्सा ब्रॉयलर बनने.

इनको केवल खिला खिला कर मोटा किया जाता है. बैठे बैठे खाना मुहैया किया जाता है. पिंजड़े में भी कोई दौड़ते नहीं, बस खाते पीते जाओ, बीट निकलेगी वो भी सफाई की व्यवस्था होती है.

ख़याल रखा जाता है इनकी हेल्थ का, कि इन्हें कोई तकलीफ न हो. क्योंकि इनसे ही तो कमाई करनी है.

कुछ एक मरते हैं तो तुरंत पिंजड़े की सफाई की जाती है ताकि और कोई बीमार न पड़े. उनकी जान वैसे काफी नाज़ुक होती है.

खा पी कर ये मोटे हो जाते हैं. शरीर में शक्ति नहीं होती दौड़ने की और न ही ये उड़ान भरते हैं. वैसे भी, मुर्गी की उड़ान कोई बड़ी नहीं होती लेकिन उनसे वह भी नहीं होता.

चालीस से पैंतालीस दिन के अन्दर ब्रॉयलर कट जाती है. उससे अधिक ज़िंदगी नहीं आती उसके हिस्से में.

और कभी चिकन शॉप जाकर अवश्य देखिये, कसाई इन्हें पकड़ने के लिए पिंजड़े में हाथ डालता है और किसी एक की गर्दन पकड़ता है तो वो भागने की भी कोशिश नहीं करती, न उसको चोंच मारती है, बस एक निरीह ‘क्कोक क्कोक’ करती है.

उसके बाद वो जब उसे तौलता है, और बाद में छुरी चलाकर पीपे में फेंकता है तो बस जरा सी फड़फड़ाहट सुनाई देती है, फिर शांति.

अब जरा आईने में देखिये, क्या दिखता है वहां, मनुष्य या ब्रॉयलर चिकन?

ब्रॉयलर दिख रहा हो तो मनुष्य बनने के लिए मेहनत कीजिये.

मैंने लेख की शुरुआत में ही लिखा है – अगर आप एक हिन्दू हैं तो यह पढ़ना आप की सेहत तथा आयु के लिए फायदे में रहेगा.

कोई शक? अब क्या इसे आगे बढ़ाएंगे?

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