चार दशकों से संघ कार्यकर्ताओं के रक्त से भीगे पूर्वोत्तर भारत की गुरुदक्षिणा
मैं बहुत पहले से लिख रहा हूं कि हिंदुत्व के पुरोधाओं और राष्ट्रवादिता के शूरवीरों को अपनी शुचिता और आदर्श के अहंकार को तज देना चाहिये क्योंकि यह अहंकार लोकत्रांतिक व्यवस्था में एक अभिशाप होता है. आप सत्य हैं, आप अमरत्व के भागीदार हैं, लेकिन यह आपको अपने शत्रुओं के ऊपर विजय पाने का अधिकारी … Continue reading चार दशकों से संघ कार्यकर्ताओं के रक्त से भीगे पूर्वोत्तर भारत की गुरुदक्षिणा
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