रांची. चारा घोटाले में सज़ायाफ़्ता मुजरिम लालू प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट के इस फैसले के बाद राजद नेताओं और समर्थकों के बीच निराशा छा गई है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की तरफ से यह ज़मानत याचिका देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में मिली सज़ा के खिलाफ दायर की गई थी.
चारा घोटाले के देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई है. इस फैसले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
सुनवाई के दौरान जबलपुर के वरिष्ठ वकील राजेंद्र सिंह ने कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से दलील रखी. कोर्ट ने उनकी दलील मानने से इंकार कर दिया.
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद के वकील ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और जमानत की मांग की.
इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि लालू प्रसाद स्वस्थ हैं और रोज मीडिया में बयान दे रहे हैं. इसके बाद न्यायाधीश अपरेश सिंह की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.
लालू प्रसाद बीते 23 दिसम्बर से रांची की होटवार जेल में बंद हैं. याचिका पर पहली सुनवाई में हाईकोर्ट ने तत्काल ज़मानत देने से इनकार करते हुए सीबीआई अदालत के रिकॉर्ड की मांग की थी.
झारखंड में चल रहे चारा घोटाले के पांच मामलों में से तीन में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को सजा सुना दी है. दो मामले, डोरंडा और दुमका, में स्पीडी ट्रायल जारी है.
दुमका मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अंतिम चरण में है, जबकि डोरंडा मामले में सुनवाई पूरी होने में अभी और वक्त लगेगा.
सीबीआई कोर्ट ने इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर समयसीमा बढ़ाने की मांग की है.