इधर पूरा देश प्रिया प्रकाश की आंखों में निहार रहा था उधर एक वीरांगना ने इतिहास रच दिया. लेकिन महिलाओं को घर की सजावटी वस्तु समझने वाले समाज के लोग शायद प्रिया प्रकाश के नैनों में इतने गहरे उतर चुके थे कि इस वीरांगना के कारनामे पर उनकी नज़र ही नहीं गयी.
दरअसल खबर यह है कि इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं.
अवनी ने अकेले मिग-21 उड़ाकर भारत के आसमान में एक नया इतिहास रच दिया है.
19 फरवरी को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी.
अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक है. वह मध्य प्रदेश के रीवा जिले से है.
अवनी को मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था.
इन तीनों को जून, 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था. उन्हें औपचारिक रूप से तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा कमीशन में शामिल किया गया था.
22 वर्षीय अवनी ने अपनी ट्रेनिग हैदराबाद की वायु सेना अकादमी से पूरी की थी. 120 महिला कैडेटों में से इनका चयन किया गया था.
अवनी के साथ एयरफोर्स ज्वाइन करने वाली अन्य दो लड़कियां मोहना सिंह और भावना कंठ ने भी फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है.
इन तीनों को जनवरी में ट्रेनिंग दी गई. भावना कंठ भी जल्द ही अंबाला एयरबेस से उड़ान भरेगी.
कालीकुंडा एयरबेस पर तैनात मोहाना सिंह को अभी इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. फिलहाल वह हॉक एडवांस्ड जेट उड़ाने की ट्रेनिंग ले रही हैं. उनको भी जल्द ही ऑपरेशनल स्कवॉडरन का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इंडियन एयरफोर्स में फिलहाल 94 महिला पायलट हैं, लेकिन ये पायलट फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं.
अवनी ने जब एयरफोर्स ज्वाइन की थी उस वक्त महिलाएं केवल हेलीकॉप्टर और दूसरे विमान ही उड़ा रही थीं.
दुनिया के चुनिंदा देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकती हैं. ऐसे में अवनि चतुर्वेदी का यह कारनामा अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
भारत जैसे देश में जहां लड़कियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता हो, अवनि सभी महिलाओं के लिये एक रोल मॉडल के तौर पर देखी जा सकती है.