सोचें, कौन होगा अरबों रुपयों के इस खेल को चलाने वाला बुद्धिमान और शक्तिशाली आदमी

दो दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भास्कर रमण को गिरफ्तार किया…

2015 में एक छापे के समय ED को एक बैंक लॉकर से चार वसीयत मिलीं.. ये चारों वसीयत भास्कर रमण, सीबीएन रेड्डी, रवि विश्वनाथन, पद्मा विश्वनाथन नामक चार लोगों ने की थी.

चारों वसीयत एक ही दिन 19 जून 2013 को की गई थीं… सभी वसीयतों का गवाह वी मुरली नामक आदमी था. तीन वसीयतों में सीबीएन रेड्डी और एक में रवि विश्वनाथन भी था – उलटफेर करके…

इन वसीयतों में ख़ास बात थी कि वसीयत दो भागों में बनी थी… एक भाग में सारी जायदाद, धन, मकान, गहना आदि अपने पत्नी-बच्चों के नाम किया गया था, जो कि आम बात है…

खास बात वसीयत का दूसरा भाग है… इस भाग में इन सबने दो कंपनियों Kriya FMCG और Advantage Strategic Consultant Pvt Ltd (यानी कि Advantage) के सारे शेयर एक लड़की अदिति, जो कि डॉ श्रीनिधि की बेटी और डॉ बी. रंगराजन की पौत्री है, के नाम किए थे, क्योंकि डॉ बी. रंगराजन को ये लोग अपना गाइड, फिलॉसोफर, जीवन बनाने वाला… वगैरह वगैरह मानते थे और सोसाइटी में इनके योगदान के कायल थे.

इन दोनों कंपनी में इनका 60% हिस्सेदारी है जो कि ऑटोमेटिक इस बच्ची अदिति के पास आ जायेगा… बाकी का 40% शेयर एक कंपनी Ausbridge के पास है जिसके मालिक हैं मोहनन राजेश.

अब इस कंपनी Advantage ने क्या किया – इसके पास Vasan Eye Care की 60% हिस्सेदारी है जो कि सिर्फ 50 लाख में Advantage ने खरीदी.

Vasan Eye Care ने 40% इक्विटी दिया मॉरिशस की कंपनी Sequoina Capital को 45 करोड़ में… इस खेल के पेंच खोलने के बाद, हिसाब से Vasan में Advantage की हिस्सेदारी हुई 67.50 करोड़ की…

Advantage की सब्सिडियरी है सिंगापुर में, जिसका नाम है Advantage Strategic Consulting Pte. Ltd. (Advantage Singapore) जिसके पास विश्व भर में प्रॉपर्टीज़ हैं अरबों की…

कहा जाता है कि Antartica छोड़ के बाकी हर जगह इसकी प्रॉपर्टी है… तो इस तरह से भास्कर रमण और अन्य चार लोगों ने अरबों के Asset और प्रॉपर्टी की कंपनी यूँ ही अदिति को दान कर दी क्योंकि ये सब उसके दादा डॉ बी रंगराजन से प्रभावित थे…

उस बच्ची का पूरा नाम है ‘अदिति नलिनी चिदंबरम’ – पिता का नाम ‘कार्ति चिदंबरम’, माँ का नाम सुनिधि चिदंबरम – दादा का नाम “Please Guess”…

खेल की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती … Advantage के 40% मालिक बारास्ता Ausbridge वही हैं मोहनन राजेश. जो ऐसे ही… बस यूं ही… कार्ति चिदंबरम के पड़ोसी भी हैं… कार्ति चिदंबरम ने मोहनन से Ausbridge को 2006 में खरीद लिया था फिर वापस उनसे 2011 में ट्रांसफर कर दिया जब Vasan Eyecare आ गई थी …

इस पूरे अरबों के खेल को चलाने वाला कोई बुद्धिमान और शक्तिशाली आदमी होना चाहिए… उतना बुद्धिमान और शक्तिशाली कि वो भारत का वित्त मंत्री हो…

आने वाले दिनों में होने वाले उथल पुथल को देखते जाइए… सरकार के हर काम पर नज़र रखें.. अगर इस बार सरकार चूक गई तो बहुत बुरा होगा, अंदर वालों से भी सावधान रहना होगा…

2018 वो समय है जब सारे चोर, बेईमान, भ्रष्टाचारी, लूटतन्त्र का कुनबा एक साथ आएँगे… सबका टारगेट होगा मात्र एक आदमी – ‘नरेन्द्र मोदी’…

ऐसे में आप चोर, बेईमान, भ्रष्टाचारी, लूटतन्त्र के कुनबे की तरफ झुकते हैं या इस एक आदमी पर अपना विश्वास बनाए रखते हैं .. हमला वो कई तरफ से कई तरह से करेंगे… आप किसका साथ देंगे वही इस देश का भविष्य तय करेगा…

आज बेईमानी के रथ पर बैठ कर खुद मौज कर लोगे लेकिन आने वाले पीढ़ियों के लिए क्या छोड़ के जाओगे… इस प्रश्न का उत्तर है “0”.

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